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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इन दिनों चर्चा में हैं, और इस बार कारण उनका खुद पर हुआ हमला है। हाल ही में एक जनसुनवाई के दौरान उन पर हमला किया गया, जिसकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी की पहचान राजेश के तौर पर हुई है। इस घटना के बाद, राजधानी में मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को कैसी सुरक्षा मिलती है और उस सुरक्षा पर हर महीने कितना खर्च आता है? चलिए, इस खबर में हम आपको बताते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को क्या-क्या सुरक्षा इंतजाम मिलते हैं और इससे जुड़े खर्चे की पूरी जानकारी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को मिलती है कैसी सुरक्षा?

रेखा गुप्ता दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री हैं और इसके साथ ही वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री भी हैं। उन्हें देश की सबसे सख्त सुरक्षा में से एक, यानी Z Security प्रदान की जाती है। यह सुरक्षा उन प्रमुख नेताओं या सार्वजनिक हस्तियों को दी जाती है जिनकी जान को खतरा हो सकता है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री को जो सुरक्षा दी जाती है, वह सिर्फ एक साधारण सुरक्षा नहीं है, बल्कि यह उच्च स्तर की सुरक्षा व्यवस्था है। उन्हें उस सुरक्षा श्रेणी में रखा गया है जिसे Z सुरक्षा कहते हैं। यह वही सुरक्षा है जो आमतौर पर देश के बड़े नेताओं, मंत्रियों और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दी जाती है।

क्या शामिल है Z Security में?

Z Security में कई अहम सुरक्षा इंतजाम शामिल होते हैं। इसमें 4 से 6 NSG कमांडो होते हैं, जो मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस के कर्मचारी, साथ ही ITBP (इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) या CRPF (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) के जवान भी सुरक्षा में मदद करते हैं।

यह सुरक्षा व्यवस्था मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की खतरे से बचाया जा सके।

मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर कितना खर्च होता है?

अब बात करते हैं उस भारी खर्च की जो मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर आता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Z Security में हर महीने लगभग 15 से 20 लाख रुपये का खर्च आता है। हालांकि, अगर किसी मुख्यमंत्री को और भी उच्च स्तर की सुरक्षा जैसे Z+ मिलती है, तो खर्च और भी बढ़ जाता है। इस सुरक्षा स्तर में हर महीने लगभग 40 से 50 लाख रुपये खर्च होते हैं।

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