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पिछले छह महीनों में निवेश की दुनिया में बदलाव तेजी से देखने को मिले हैं। शेयर बाजार में गिरावट आई है, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में, जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD पर मिलने वाला ब्याज भी घट गया है। निवेशकों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन एक सही रणनीति अपनाकर जोखिम को कम किया जा सकता है और बेहतर रिटर्न की संभावनाएं बनाई जा सकती हैं।

बाजार की मौजूदा स्थिति

शेयर बाजार में अस्थिरता

मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में बीते छह महीनों में 11.8% से 14.1% तक की गिरावट आई है।

लार्जकैप फंड्स ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन अमेरिकी बाजार (जैसे S&P 500 और Nasdaq) में भी 8% तक की गिरावट दर्ज की गई है।

एफडी रिटर्न में गिरावट

आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती के चलते एफडी से मिलने वाला रिटर्न महंगाई के आसपास ही रह गया है, जिससे इसकी वास्तविक आय में कटौती हुई है।

सोना बना सुरक्षित विकल्प

वैश्विक अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव के चलते सोने में निवेश ने अच्छा रिटर्न दिया है, जिससे यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है।

कैसी होनी चाहिए आपकी निवेश रणनीति?

1. पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification) लाएं

विभिन्न एसेट क्लास में निवेश कर जोखिम को संतुलित किया जा सकता है:

सोना: पोर्टफोलियो का 5-10% हिस्सा सोने में लगाएं। यह आर्थिक अस्थिरता के समय स्थिरता प्रदान करता है।

डेट फंड्स: लंबे समय के लिए बॉन्ड, गिल्ट फंड्स या डायनामिक बॉन्ड फंड्स पर विचार करें, जो स्थिर रिटर्न दे सकते हैं।

लार्जकैप फंड्स: इन फंड्स में बेहतर स्थिरता होती है और ये अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ काम करते हैं।

REITs और InvITs: रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर सकते हैं, जिससे नियमित आय संभव है।

2. सिस्टमैटिक निवेश जारी रखें

SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान): बाजार में गिरावट के समय भी SIP बंद न करें। यह लंबी अवधि में औसत लागत को कम करने में मदद करता है।

लंपसम निवेश: यदि आपके पास बड़ी रकम है, तो उसे सीधे निवेश करने की बजाय पहले लिक्विड फंड में डालें और फिर छह महीने की अवधि में SIP या STP (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान) के जरिए निवेश करें। अगर बाजार 20% या उससे ज्यादा गिर जाए, तो एकमुश्त निवेश पर विचार किया जा सकता है।

3. जोखिम और लक्ष्य का आकलन करें

अपने रिस्क प्रोफाइल और निवेश की अवधि के अनुसार पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा करें।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स या एसेट एलोकेशन फंड्स अच्छे विकल्प हो सकते हैं, जिनमें डेट की अधिकता होती है।

4. निवेश में सावधानी रखें, घबराएं नहीं

घबराकर निवेश न बेचें: बाजार में गिरावट के समय जल्दीबाजी में निर्णय न लें, वरना नुकसान स्थायी हो सकता है।

बाजार का समय तय करने की कोशिश न करें: कब बाजार ऊपर जाएगा या नीचे, यह कोई तय नहीं कर सकता। सही समय का इंतजार करने की बजाय नियमित निवेश करते रहें।

टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग करें: जिन निवेशों में घाटा हुआ है, उन्हें बेचकर टैक्स सेविंग का फायदा लें। इससे भविष्य के मुनाफे पर टैक्स कम लगाया जा सकता है।

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