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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में दूसरे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (International Trade Show) का उद्घाटन करते हुए 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को एक नई वैश्विक उड़ान दी है। देश-विदेश के हजारों उद्यमियों और खरीदारों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत में एक मजबूत "स्वदेशी इकोसिस्टम" बनाने का आह्वान किया, जिसका लक्ष्य भारत के कोने-कोने में बने उत्पादों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाना है।

यह तीन दिवसीय व्यापार मेला सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह उस 'नए भारत' की तस्वीर है जहां छोटे से छोटा कारीगर और उद्यमी भी वैश्विक सपनों को साकार कर सकता है।

PM मोदी के 'स्वदेशी मंत्र' की 5 बड़ी बातें:

लोकल से ग्लोबल तक का सफर: पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि हमारा लक्ष्य सिर्फ अपने उत्पादों का उपयोग करना नहीं है, बल्कि उन्हें वैश्विक बाजार में एक बड़ी पहचान दिलाना है। उन्होंने कहा, "जब देशवासी 'वोकल फॉर लोकल' होते हैं, तो यह अभियान 'लोकल से ग्लोबल' बनने में देर नहीं लगाता।"

हर जिले की अपनी पहचान: सरकार की महत्वाकांक्षी 'एक जिला, एक उत्पाद' (One District One Product - ODOP) योजना इस मेले का मुख्य आकर्षण है। पीएम ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि हर जिले की एक खासियत को उसकी पहचान बनाकर उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाए, जिससे जिले की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा हो।

GI टैग - क्वालिटी की गारंटी: प्रधानमंत्री ने जीआई-टैग (GI-tagged) उत्पादों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बनारसी साड़ी से लेकर इलाहाबादी अमरूद तक, अब तक 500 से ज्यादा भारतीय उत्पादों को जीआई-टैग मिल चुका है, जो उनकी क्वालिटी और प्रामाणिकता की वैश्विक गारंटी है।

MSMEs - भारत की आर्थिक रीढ़: इस मेले में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और महिला उद्यमियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। पीएम मोदी ने MSMEs को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि सरकार उन्हें हर संभव सहायता दे रही है ताकि वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकें।

निवेश के लिए 'रेड कार्पेट': दुनिया भर के खरीदारों और निवेशकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत में आपके लिए 'रेड टेप' नहीं, बल्कि 'रेड कार्पेट' बिछाया गया है।" उन्होंने भारत की स्थिर सरकार, बढ़ती अर्थव्यवस्था और व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) का हवाला देते हुए वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

इस व्यापार मेले में 70 से अधिक देशों के 500 से अधिक खरीदार भाग ले रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों के 2,000 से अधिक प्रदर्शकों के साथ व्यापार करेंगे। यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश को 'एक ट्रिलियन डॉलर' की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा, बल्कि भारत को एक वैश्विक विनिर्माण और निर्यात केंद्र बनाने के सपने को भी पंख देगा।