
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश की सियासत में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस ने इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे पहले से तय साजिश बताया और कहा कि "हमने तो पहले ही संकेत दे दिए थे" कि कुछ बड़ा होने वाला है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, "धनखड़ जी के बयानों और सरकार के साथ उनके बदलते समीकरणों को देखकर यह अंदेशा पहले से था कि वे जल्द कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। अब इस्तीफा इसी का प्रमाण है।”
वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "धनखड़ जी ने अपने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है और इसमें कोई राजनीतिक साजिश नहीं है। ऐसे संवैधानिक पदों से जुड़े फैसलों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।”
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के रूप में उत्कृष्ट कार्य किया है और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि "जिन्हें राजनीति करनी है, वे हर संवेदनशील मुद्दे को सियासत का मोहरा बना लेते हैं।”
धनखड़ ने हाल ही में 2027 में रिटायरमेंट की बात कही थी, लेकिन अचानक इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया। अब सियासी गलियारों में चर्चा गर्म है कि क्या उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दी जाने वाली है या यह किसी बड़े राजनीतिक समीकरण का हिस्सा है।
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