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Up kiran,Digital Desk : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर बड़ा भूचाल आ गया है। इंडस्ट्री की जानी-मानी डबिंग आर्टिस्ट और एक्ट्रेस भाग्यलक्ष्मी ने फिल्म कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन FEFKA से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह कदम अभिनेता दिलीप से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में संगठन के रवैये के खिलाफ एक जोरदार तमाचा है।

मामला तब गरमाया जब सेशन कोर्ट से बरी होने के बाद दिलीप को संगठन में वापस लेने की सुगबुगाहट तेज हो गई। भाग्यलक्ष्मी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि वह ऐसे संगठन का हिस्सा नहीं रह सकतीं, जो आरोपी के साथ खड़ा हो।

"अभी तो सुप्रीम कोर्ट बाकी है!"

भाग्यलक्ष्मी ने सवाल उठाते हुए कहा कि इंडस्ट्री इतनी जल्दबाजी में क्यों है? उन्होंने कहा, "अभी तो सिर्फ सेशन कोर्ट का फैसला आया है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है। कई बातें अभी साबित होनी हैं। यह वो केस है जिसमें 21 गवाह अपने बयान से पलट गए। कैसे पलट गए? यह उनके (दिलीप के) पैसे और प्रभाव का नतीजा था।" उन्होंने साफ कहा कि उनका इस्तीफा इसी अन्याय के खिलाफ एक विरोध है।

"ये पीड़ितों के साथ नहीं, शिकारी के साथ खड़े हैं"

भाग्यलक्ष्मी का गुस्सा तब और बढ़ गया जब FEFKA के महासचिव बी. उन्नीकृष्णन ने कहा कि दिलीप को जितनी जल्दी निकाला गया था, उतनी ही जल्दी वापस भी ले लिया जाएगा। इस पर भाग्यलक्ष्मी ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि इंडस्ट्री के संगठन पीड़िता के साथ खड़े नहीं हैं।

उन्होंने कहा, "फिल्म इंडस्ट्री के तीनों संगठनों ने यह घोषणा कर दी है कि वे पीड़ितों के साथ नहीं, बल्कि पैसे और प्रभाव वाले लोगों के साथ खड़े हैं। उन्होंने एक बार भी पीड़िता से संपर्क करने की कोशिश नहीं की, उसे सांत्वना देना तो दूर की बात है। वे बस दिलीप के एक खत का इंतजार कर रहे हैं ताकि उसे वापस ले सकें। उन्होंने कितना बेशर्मी भरा रुख अपनाया है।"

भाग्यलक्ष्मी ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने पीड़िता के दर्द और संघर्ष को अपनी आंखों से देखा है और वह चुप नहीं रह सकतीं।

क्या है पूरा मामला?

साल 2017 में एक मशहूर मलयालम एक्ट्रेस के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था, जिसमें एक्टर दिलीप को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आरोपी बनाया गया था। हाल ही में एक सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था। इसी फैसले के बाद फिल्म संगठन उन्हें वापस लेने की तैयारी कर रहे थे, जिसने इस नए विवाद को जन्म दे दिया है। भाग्यलक्ष्मी के इस्तीफे ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि क्या फिल्म इंडस्ट्री वाकई महिलाओं के लिए एक सुरक्षित जगह है।