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Up Kiran Digital Desk: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक IAS अधिकारी के साथ हुई एक घटना ने न केवल प्रशासनिक रवैये की आलोचना की, बल्कि यह वकील और आम जनता के बीच एक नई चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना में वकीलों ने एक नए SDM, रिंकू सिंह से कान पकड़कर उठक-बैठक लगवायी, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। यह घटना उनके कार्यभार संभालने के पहले दिन ही घटी, और इसने प्रशासनिक मामलों में जुड़ी संवेदनशीलता को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।

IAS रिंकू सिंह की घटना का कारण और उसके बाद की प्रतिक्रिया

IAS रिंकू सिंह का कार्यकाल शाहजहांपुर के पुवायां तहसील में 29 जुलाई से शुरू हुआ। वह मथुरा में जॉइंट मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत थे, लेकिन ट्रांसफर के बाद उन्हें शाहजहांपुर की SDM की जिम्मेदारी मिली। एक दिन वह तहसील कार्यालय में दौरा कर रहे थे, तब उन्होंने परिसर में दीवार पर टॉयलेट करते एक व्यक्ति को देखा। यह शख्स एक वकील का मुंशी था, और रिंकू सिंह ने उसे फटकार लगाते हुए सजा के तौर पर वहीं पर उठक-बैठक लगाने को कहा।

वकील और उनके मुंशी के बीच इस घटना का आकलन करने के बाद, परिसर में पहले से बैठे वकील आक्रोशित हो गए। उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई को अपमानजनक मानते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। वकीलों के गुस्से को देखते हुए, IAS रिंकू सिंह ने वकीलों के बीच जाकर अपनी सफाई दी और कहा कि मुंशी का यह व्यवहार अनुशासनहीन था, इसलिए उनसे उठक-बैठक लगवाना जरूरी था।

वकील और IAS के बीच टकराव

हालांकि वकील इस सजा से असहमत थे और उन्होंने SDM से सवाल किया कि क्या किसी गलती की सजा सिर्फ उठक-बैठक होती है? क्या वे खुद ऐसी गलती करने पर यही सजा भुगतेंगे? इस सवाल के जवाब में रिंकू सिंह ने कहा कि गलती करने वाले को सजा मिलनी चाहिए, ताकि वह भविष्य में सुधार कर सके। इसके बाद, उन्होंने स्वयं वकीलों के सामने उठक-बैठक लगाकर यह साबित करने की कोशिश की कि वह अपने फैसले में पूरी तरह से सही थे। इस बीच, वकील लगातार इस बात का विरोध करते रहे और IAS अफसर से माफी की मांग की। अंततः वकीलों के दबाव में आकर, रिंकू सिंह ने माफी मांगी और उनका धरना खत्म हो गया।

IAS रिंकू सिंह की पृष्ठभूमि और संघर्ष

रिंकू सिंह राही, जिनका यह विवादित मामला सामने आया, एक ईमानदार और संघर्षशील अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। वह 2022 बैच के IAS अधिकारी हैं और अलीगढ़ जिले के रहने वाले हैं। उनकी पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई थी, और उन्होंने अपनी मेहनत से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, 2008 में PCS परीक्षा पास की और एक अधिकारी के रूप में कार्य करना शुरू किया।

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