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Up Kiran, Digital Desk: समाज में पुलिस को न्याय और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। वर्दी पहने हुए व्यक्ति को देख लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं, लेकिन सिंभावली में तैनात पुलिस अधिकारी नितिन वर्मा के कृत्यों ने खाकी को लज्जित कर दिया है। पुलिस अधिकारी जल्द अमीर बनने की इच्छा में अपराधी बन गए। अधिकारी की कार्यप्रणाली से आम जनता का विश्वास टूटता जा रहा है।

सिंभावली थाने के पुलिस अधिकारी ने दो हिस्ट्रीशीटर, पीआरडी जवान और एक महिला के साथ मिलकर एक युवक को झूठे दुष्कर्म के मामले में फंसाने का डर दिखाकर पैसे वसूले। इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर गजरौला थाने में पुलिस अधिकारी सहित चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

पुलिस के अनुसार, सिंभावली थाने के रझैडा गांव के हिस्ट्रीशीटर खालिद, महिला कौशर, पीआरडी जवान लखन जो देहरा रामपुर थाना बहादुरगढ़ का निवासी है, और हिस्ट्रीशीटर दीपक जो गजरौला का निवासी है, 11 दिसंबर को दारोगा नितिन वर्मा के साथ संभल जिले पहुंचे।

दारोगा ने प्रॉपर्टी डीलर नईम को प्लॉट दिखाने के बहाने अगवा कर लिया। फिर साथी महिला से बलात्कार का आरोप लगवाकर उसे बंधक बना लिया। पांच लाख रुपये की मांग की गई, लेकिन बाद में एक लाख पच्चीस हजार में मामला सुलझा लिया गया। पैसे लेकर और धमकी देकर उसे छोड़ दिया गया।

गजरौला थाने में मामला दर्ज होने के बाद सिंभावली थाने के रझैडा गांव के हिस्ट्रीशीटर खालिद, महिला कौशर, पीआरडी जवान लखन और हिस्ट्रीशीटर दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया।

वहीं फरार पुलिस अधिकारी नितिन वर्मा और गजरौला के निवासी उसके साथी नवीन वर्मा की तलाश जारी है। इस घटना ने जनता में पुलिस के प्रति विश्वास कम कर दिया है।

पुलिस अधिकारी नितिन वर्मा को निलंबित किया गया

गजरौला की घटना के बाद विभागीय जांच के बाद हापुड़ एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने दारोगा नितिन वर्मा को निलंबित कर दिया है। साथ ही इस मामले की जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है। जानकारी के अनुसार, दारोगा नितिन वर्मा 11 दिसंबर को किसी काम से गाजियाबाद जाने का कहकर घर से निकले थे।

आपराधिक तत्वों से हो रहा गठबंधन

पुलिस और अपराधियों के बीच संबंधों को देख फरियादी डर में रहते हैं। क्षेत्र में कोई भी घटना घटने के बाद फरियादी और आरोपी थाने पहुंचने से पहले खालिद जैसे अपराधी आसपास मंडराते हुए नजर आते हैं।