
Up Kiran, Digital Desk: झारखंड के पूर्व आबकारी सचिव आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़े आबकारी घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। चौबे के साथ आबकारी के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी हिरासत में लिया गया है। एसीबी का आरोप है कि चौबे ने 2022 में झारखंड में नई शराब नीति का मसौदा तैयार करने और उसे लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ स्थित शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर काम किया, जिससे राज्य के खजाने को काफी वित्तीय नुकसान हुआ।
जांच से पता चला कि नीति सिंडिकेट के सदस्यों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी, जिसमें शराब की आपूर्ति, स्टाफिंग और होलोग्राम सिस्टम के टेंडर और अनुबंध समूह के सहयोगियों को दिए गए थे। इस हेराफेरी से कथित तौर पर राज्य को लगभग ₹38 करोड़ का नुकसान हुआ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले कई स्थानों पर छापे मारे थे, जिसमें घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए थे।
यह मामला सितंबर 2024 में दर्ज एक एफआईआर से शुरू हुआ, जिसमें चौबे और कई अन्य लोगों का नाम शामिल है। धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई एफआईआर में अधिकारियों पर ठेके देने में उचित प्रक्रिया को दरकिनार करने और अवैध कमीशन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। कानूनी परामर्श और राज्य सरकार से मंजूरी के बाद, एसीबी ने चौबे को उनके आवास से हिरासत में लिया और दोनों अधिकारियों से पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
--Advertisement--