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चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सबसे प्रतिष्ठित संस्था, ICAI (भारतीय लेखाकार संस्थान), अब दो सेंट्रिक इंजीनियरिंग लिमिटेड- जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड- के वित्तीय संस्थानों की गंभीर समीक्षा जारी है। यह फैसला ICAI की फाइनेंशियल फाइनेंशियल रिव्यू बोर्ड (FRRB) की हाल ही में हुई बैठक में लिया गया।

क्या है मामला?
जेनसोल इंजीनियरिंग पर एसोसिएट्स पर हेराफेरी और ऑपरेशन में कथित गंभीर आरोप लगे हैं। सेबी (भारतीय सिक्योरिटीज एंड इलेक्ट्रॉनिक्स बोर्ड) ने कंपनी के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनी सिंह जग्गी को प्रमाणित शेयरों के उल्लंघन के तहत ई-कॉमर्स मार्केट से बैन कर दिया है। अब ICAI के एसोसिएट भी इन सोसायटीज के बैस्ट शीट, रेटिंग स्टैंडर्ड्स, और साइंटिस्ट पर हैं।

एफआरआरबी की भूमिका और समीक्षा प्रक्रिया
एफआरआरबी तय की गई वित्तीय फर्मों और वैधानिक बैचलर की रिपोर्ट का गहन विश्लेषण किया गया है ताकि यह किया जा सके कि आईसीएआई द्वारा क्या नियुक्तियां की गई हैं। इसमें कंपनी अधिनियम 2013, आरबीआई के दिशानिर्देश, और बैंकिंग मानक जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं।

आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने बताया कि यदि वित्तीय रिपोर्ट में गंभीर सात्त्विकताएं हैं, तो अनुशासन और संबंधित नियामक निकाय के निदेशक को भेजा जाए ताकि आगे कानूनी कार्रवाई की जा सके।

प्रोमोटरों पर गंभीर आरोप
जेनसोल के प्रमोटर पर यह आरोप है कि उन्होंने कंपनी के लिए लोन को व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल किया, जो न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानून के दायरे में भी अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में यदि दोष सिद्ध होता है, तो दंड, न्यायिक कार्रवाई और प्रतिबंध जैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

निगमित मंत्रालय भी सक्रिय
इस बीच, कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय भी सेबी के आदेश का विश्लेषण कर रहा है। मंत्रालय ने 21 अप्रैल को साफ किया था कि वह जेन सोल इंजीनियरिंग मामले में आवश्यक कार्रवाई करना चाहता है, जो आगे इंजीनियर एसोसिएट्स के गठन में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

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