Up Kiran, Digital Desk: अगर आप यह सोच रहे हैं कि मानसून अब विदाई ले रहा है और बारिश का दौर खत्म हो गया है, तो आप गलत हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक नई भविष्यवाणी जारी की है, जो कुछ लोगों के लिए राहत तो कुछ के लिए बड़ी चिंता लेकर आई है। IMD के अनुसार, सितंबर के महीने में भी देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, लेकिन इस बारिश ने पहाड़ी राज्यों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
मैदानों के लिए 'अमृत', पहाड़ों के लिए 'आफत'
इस साल का मानसून सीजन बेहद असमान रहा है। जहां अगस्त के महीने में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई, जिससे मैदानी इलाकों में सूखे का खतरा पैदा हो गया था, वहीं सितंबर में होने वाली यह बारिश इन इलाकों के लिए 'अमृत' बनकर बरस सकती है। यह बारिश किसानों की फसलों को बचाने और जलाशयों के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
लेकिन कहानी का दूसरा पहलू बेहद डरावना है। जो बारिश मैदानों के लिए वरदान है, वही पहाड़ों के लिए 'आफत' बन सकती है।
पहाड़ों पर मंडरा रहा दोहरा खतरा
IMD ने विशेष रूप से पहाड़ी राज्यों, जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है। इन राज्यों में पहले से ही मानसून की भारी बारिश के कारण जमीन कमजोर हो चुकी है। अब सितंबर में होने वाली अतिरिक्त बारिश इस स्थिति को और भी खतरनाक बना सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण पहाड़ों की मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता लगभग खत्म हो गई है। ऐसे में थोड़ी सी और बारिश भी बड़े पैमाने पर भूस्खलन (Landslides) और திடீர் வெள்ளம் (Flash Floods) का कारण बन सकती है। सड़कें बंद हो सकती हैं, और जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।
प्रशासन ने इन राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। पर्यटकों को भी सलाह दी गई है कि वे पहाड़ी इलाकों की यात्रा करने से पहले मौसम की पूरी जानकारी ले लें।
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