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Up Kiran,Digital Desk: दुनिया भर के कई नेताओं ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का आग्रह किया है मगर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का नया ऋण मंजूर कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आईएमएफ की इस आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय" क्या सोचता है क्योंकि उनका मानना है कि इस धन का इस्तेमाल पाकिस्तान द्वारा पुंछ राजौरी और अन्य क्षेत्रों को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियारों की भरपाई के लिए किया जा सकता है।
आईएमएफ के इस फैसले ने कई लोगों को हैरान कर दिया है और सोशल मीडिया पर भी इस पर सवाल उठाए गए हैं कि क्या विदेशी सहायता अनजाने में संघर्ष को बढ़ावा दे रही है। यह घटनाक्रम हालिया तनाव बढ़ने के बाद हुआ है जिसमें पाकिस्तान ने कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर राजस्थान और पंजाब में ड्रोन और मिसाइलें (जिसमें "ऑपरेशन बनयान उल मारसूस" नामक एक ऑपरेशन में फत्ताह-1 मिसाइल भी शामिल है) दागी हैं साथ ही नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी भी की है।
भारत ने पहले भी पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के बेलआउट पैकेज पर आपत्ति जताई थी यह चिंता जताते हुए कि धन का दुरुपयोग सीमा पार आतंकवाद के लिए किया जा सकता है। भारत ने पाकिस्तान के मौजूदा ऋण कार्यक्रम की समीक्षा करने और एक नए 1.3 बिलियन डॉलर के ऋण पर विचार करने के लिए बुलाई गई आईएमएफ बोर्ड की बैठक के दौरान अपनी असहमति व्यक्त की। मतदान से दूर रहते हुए भारत ने जोर देकर कहा कि यह तटस्थता का कार्य नहीं बल्कि सिद्धांत और नीति पर आधारित एक जानबूझकर दिया गया कूटनीतिक संदेश था।
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