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Up Kiran, Digital Desk: इंग्लैंड और भारत के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई को बर्मिंघम के ऐतिहासिक एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा। पहले टेस्ट में मिली करारी हार के बाद टीम इंडिया इस बार जोरदार वापसी करने के मूड में है। ऐसे में एजबेस्टन की पिच की खासियत और यहां की परिस्थितियां इस मुकाबले की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
एजबेस्टन की पिच को हमेशा से संतुलित माना जाता रहा है, जहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को कुछ न कुछ फायदा मिलता है। शुरुआती दो-तीन दिन पिच बल्लेबाजों के लिए खुशगवार होती है, क्योंकि नई गेंद पर बल्लेबाजी सहज रहती है और तेज़ आउटफील्ड की वजह से शॉट्स आसानी से सीमा रेखा तक पहुंच जाते हैं। हालांकि, मौसम में बादल छाए रहने पर तेज गेंदबाजों को स्विंग और सीमिंग गेंदबाजी का लाभ मिल सकता है, जो शुरुआती सत्रों में बल्लेबाजों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, पिच की सतह पर दरारें उत्पन्न होती हैं और गेंद को पकड़ मिलती है, जिससे स्पिन गेंदबाजों को खेलने में मदद मिलती है। खास तौर पर चौथी पारी में बल्लेबाजों के लिए हालात काफी चुनौतीपूर्ण हो जाते हैं और रन बनाना कठिन हो जाता है। इसलिए, एजबेस्टन पर रन चेज़ करना आमतौर पर आसान नहीं होता।
अगर आंकड़ों की बात करें तो एजबेस्टन में अब तक कुल 60 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इन मैचों के आंकड़े दर्शाते हैं कि पहली और दूसरी पारी में औसतन 300 रन के आसपास स्कोर बनता है, जबकि तीसरी पारी में यह औसत लगभग 239 रन रह जाता है। चौथी पारी में बल्लेबाजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जहां औसत स्कोर केवल 157 रन तक सीमित रहता है। यह साफ़ तौर पर दिखाता है कि अंतिम पारी में बल्लेबाजी चुनौतीपूर्ण होती है।
इतिहास से पता चलता है कि यहां पहले गेंदबाजी करने वाली टीमों का पलड़ा भारी रहा है। इस ग्राउंड पर पहले गेंदबाजी करने वाली टीमों ने 23 बार जीत हासिल की है, जबकि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों को 19 बार जीत मिली है। ऐसे में टॉस की अहमियत बढ़ जाती है और कप्तानों के लिए सही निर्णय लेना निर्णायक साबित हो सकता है।
पहले टेस्ट में भारतीय टीम को हेडिंग्ले में इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में भारत ने इंग्लैंड को 371 रन का लक्ष्य दिया था, लेकिन अंतिम दिन इंग्लिश बल्लेबाजों ने जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया। अब भारतीय टीम को एजबेस्टन में इस हार का बदला लेना होगा और सीरीज में वापसी करनी होगी।
मौसम साफ और पिच सूखी रहने की स्थिति में पहले दिन के खेल में बल्लेबाज 300 से 350 रन तक पहुंच सकते हैं, जबकि चौथी पारी में स्कोर 200 से भी कम हो सकता है। इसलिए टॉस जीतने वाली टीम के लिए पहले बल्लेबाजी करना फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि शुरुआती दो दिनों में अच्छा स्कोर बनाना दबाव से बाहर रहने की कुंजी होगी।
इंग्लैंड की संभावित प्लेइंग इलेवन में कौन कौन
जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जेमी स्मिथ (विकेटकीपर), क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोश टंग और शोएब बशीर।
भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन में कौन कौन
यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उपकप्तान), करुण नायर, रविंद्र जडेजा, नीतीश कुमार रेड्डी या शार्दुल ठाकुर, कुलदीप यादव या वाशिंगटन सुंदर, प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज।
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