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Up Kiran, Digital Desk: भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज़ का चौथा मुकाबला कुछ खिलाड़ियों के लिए नई शुरुआत तो कुछ के लिए असमय ब्रेक लेकर आया है। एक ओर जहां युवा तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप ने शुरुआती मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन कर अपनी छाप छोड़ी थी, वहीं अब उनकी पीठ की चोट ने उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट से बाहर कर दिया है। इस बदलाव ने टीम इंडिया की गेंदबाज़ी योजना में बड़ा फेरबदल कर दिया है, और नए चेहरे को खुद को साबित करने का अवसर दिया है।
युवाओं को मिली जिम्मेदारी
आकाश दीप की गैरमौजूदगी में तेज़ गेंदबाज़ अंशुल कंबोज को डेब्यू का मौका मिला है। यह उनके करियर का बड़ा क्षण है और देश के उन तमाम युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी, जो घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का सपना देखते हैं। इसी तरह, ऑलराउंडर नितीश रेड्डी भी घुटने की चोट के कारण बाहर हो गए, जिनकी जगह टीम में फिर से शार्दुल ठाकुर की वापसी हुई है। इससे यह साफ होता है कि फिटनेस आज के क्रिकेट में किसी भी रणनीति का मूल स्तंभ बन चुका है।
करुण नायर की छुट्टी, साईं सुदर्शन को मौका
भारतीय टीम मैनेजमेंट ने बल्लेबाज़ी क्रम में भी बड़ा फैसला लिया है। करुण नायर, जिनके अनुभव पर कप्तान शुभमन गिल ने हाल ही में भरोसा जताया था, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनकी जगह युवा बल्लेबाज़ साई सुदर्शन को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया है। यह निर्णय चयनकर्ताओं के नज़रिए में युवा प्रतिभाओं के प्रति विश्वास को दर्शाता है।
मौसम और रणनीति का टकराव
मैनचेस्टर की पिच और मौसम ने भी मुकाबले की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाई है। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करने का निर्णय लिया, जिससे उनके इरादों की गंभीरता साफ झलकती है। वहीं, भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने टॉस के फैसले को लेकर ईमानदारी से कहा कि वह खुद तय नहीं कर पा रहे थे कि क्या करना सही होगा ऐसे में टॉस हारना उनके लिए राहतभरा रहा।
गिल ने पिछले तीन मुकाबलों की बात करते हुए टीम की लड़ाकू मानसिकता की तारीफ की और भरोसा जताया कि टीम इस ब्रेक के बाद बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार है।
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