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Up kiran Live , Digital Desk:  आईपीएल 2025 का 47वां मुकाबला एक ऐसा मैच बन गया है जिसे सालों तक याद किया जाएगा। राजस्थान रॉयल्स के नन्हें सितारे वैभव सूर्यवंशी ने इस मैच में वो कारनामा कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी शायद ही किसी ने की हो। मात्र 14 साल और 32 दिन की उम्र में उन्होंने क्रिकेट के सबसे बड़े मंचों में से एक पर इतिहास रच दिया।

35 गेंदों पर शतक, वैभव ने रचा इतिहास

गुजरात टाइटंस के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए वैभव सूर्यवंशी ने केवल 35 गेंदों में अपना शतक पूरा कर दिया। इस तूफानी पारी में उन्होंने 7 चौके और 11 गगनचुंबी छक्के लगाए।

इस प्रदर्शन के साथ उन्होंने आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक जड़ने का रिकॉर्ड बना लिया।

इसके साथ ही वह आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय भी बन गए, उन्होंने युसुफ पठान का 15 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ डाला। पठान ने 2010 में 37 गेंदों में शतक लगाया था।

सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड अभी भी वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल के नाम है, जिन्होंने 2013 में पुणे वारियर्स के खिलाफ 30 गेंदों में शतक लगाया था।

वैभव का ये कारनामा भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी एक बड़ी उम्मीद लेकर आया है।

सबसे कम उम्र में बने प्लेयर ऑफ द मैच

राजस्थान रॉयल्स ने 210 रन के बड़े लक्ष्य को सिर्फ 15.5 ओवर में हासिल कर लिया, जिसमें वैभव सूर्यवंशी की पारी ने अहम भूमिका निभाई। शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' का अवॉर्ड मिला।

इसी के साथ वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र में प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड जीतने वाले खिलाड़ी बन गए।

ये उनका महज तीसरा आईपीएल मैच था और इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करना किसी सपने से कम नहीं है।

मैच के बाद वैभव ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "शतक लगाने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है। पिछले कुछ महीनों से जो मेहनत कर रहा था, उसका नतीजा अब दिख रहा है।"

वैभव सूर्यवंशी: मैदान पर सिर्फ गेंद पर फोकस

अपने जबरदस्त प्रदर्शन के बाद भी वैभव पूरी तरह फोकस्ड नजर आए। उन्होंने कहा कि वह मैदान पर बाहरी चीजों पर ध्यान नहीं देते, सिर्फ गेंद पर फोकस करते हैं।

यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग करने को लेकर उन्होंने कहा कि यशस्वी हमेशा पॉजिटिव रहते हैं और उनकी सलाह से बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है।

जब उनसे पूछा गया कि अब गेंदबाज उन्हें खास टारगेट करेंगे, तो उन्होंने बेफिक्री से जवाब दिया, "मुझे इसका कोई डर नहीं है। मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देता हूं।"

वैभव की यह सोच और खेल के प्रति समर्पण ही उन्हें एक बड़ा क्रिकेटर बनाने की राह पर ले जा रहा है।

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