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आईपीएल 2025 का 18वां संस्करण अब अपने आधे सफर को पार कर चुका है। टूर्नामेंट अब उस मोड़ पर है, जहां हर मैच की अहमियत बढ़ती जा रही है। कुछ टीमें उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं तो कुछ के लिए यह सीजन किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। लखनऊ सुपर जायंट्स और पंजाब किंग्स जैसे टीमों ने अपने खेल से सभी को चौंकाया है, वहीं चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

चेन्नई सुपर किंग्स की प्लेऑफ की उम्मीदें धुंधली

चेन्नई सुपर किंग्स ने अब तक 8 मैच खेले हैं और सिर्फ दो में जीत दर्ज की है। 6 हारों के साथ टीम के खाते में केवल 4 अंक हैं और वह पॉइंट्स टेबल में आखिरी स्थान पर है। उनका नेट रन रेट -1.392 है, जो उनकी स्थिति को और भी गंभीर बना देता है। टीम को अब अपने बचे हुए सभी 6 मुकाबले जीतने होंगे और हर मैच को बड़े अंतर से जीतकर नेट रन रेट में भी सुधार लाना होगा।

आंकड़ों के लिहाज से देखें तो प्लेऑफ की उम्मीदें अब भी बाकी हैं, लेकिन जिस तरह से टीम प्रदर्शन कर रही है, उसमें किसी चमत्कार की ही जरूरत है। अगर टीम यहां से वापसी करती है और टॉप 4 में जगह बनाती है, तो वह इस सीजन की सबसे बड़ी वापसी कही जाएगी।

5 टीमें 10 अंकों पर बराबरी पर

टॉप 4 की रेस इस वक्त बेहद रोमांचक हो चुकी है क्योंकि गुजरात टाइटंस, दिल्ली कैपिटल्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB), पंजाब किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के 10-10 अंक हैं। इन सभी टीमों का नेट रन रेट भी प्लस में है, जो प्लेऑफ में उनकी संभावनाओं को और मजबूत करता है।

गुजरात टाइटंस: 7 में से 5 जीत, 10 अंक, नेट रन रेट +0.984 (1st)

दिल्ली कैपिटल्स: 8 में से 5 जीत, नेट रन रेट +0.589 (2nd)

RCB: 8 में से 5 जीत, नेट रन रेट +0.472 (3rd)

पंजाब किंग्स: 8 में से 5 जीत, नेट रन रेट +0.177 (4th)

लखनऊ सुपर जायंट्स: 8 में से 5 जीत, नेट रन रेट +0.088 (5th)

इन आंकड़ों से साफ है कि अब हर मैच एक टाई-ब्रेकर की तरह होगा, जहां रन रेट और जीत का अंतर निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

मुंबई इंडियंस के पास भी है मौका

हार्दिक पांड्या की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने अब तक 8 मुकाबले खेले हैं, जिनमें से 4 में जीत और 4 में हार मिली है। टीम के खाते में इस समय 8 अंक हैं और उसका नेट रन रेट +0.483 है। वह पॉइंट्स टेबल में छठे स्थान पर मौजूद है।

मुंबई के पास अभी 6 मुकाबले बाकी हैं, और प्लेऑफ में पहुंचने के लिए टीम को इनमें से कम से कम चार मैच जीतने होंगे। टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी में स्थिरता दिखने लगी है, और अगर ये लय बरकरार रहती है तो मुंबई के लिए प्लेऑफ की राह मुश्किल नहीं होगी।

क्या चेन्नई कर सकती है वापसी?

चेन्नई सुपर किंग्स के फैंस के लिए यह सीजन अब तक निराशाजनक रहा है, लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। अगर टीम लगातार जीत दर्ज करती है और नेट रन रेट में सुधार करती है, तो उम्मीदों की लौ फिर से जल सकती है। हालांकि, ये सिर्फ अंक जुटाने की बात नहीं है, चेन्नई को अब बड़ी और प्रभावशाली जीत की जरूरत है।

प्लेऑफ की रेस में अब हर रन, हर ओवर और हर जीत मायने रखती है। अगले कुछ मुकाबले तय करेंगे कि कौन सी टीमें शीर्ष चार में अपनी जगह पक्की करेंगी और किसका सफर बीच में ही रुक जाएगा।