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लोकसभा में सोमवार को Operation Sindoor को लेकर गंभीर बहस चली। इस दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से तीखा सवाल पूछा: अगर भारत को कार्रवाई को रोकना था तो इसे क्यों शुरू किया गया? राहुल ने आगे टिप्पणी की कि、
“फिर आपने रोक क्यों दिया?”
यह प्रश्न उस समय आया जब भाजपा की ओर से ये आरोप लगाए जा रहे थे कि अमेरिका की ओर से दबाव आने पर भारत ने ‘सीजफायर’ स्वीकार कर लिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में इस सवाल का जवाब देते हुए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कभी इस बात का जवाब नहीं मांगा कि ऑपरेशन में पाकिस्तान के कितने आतंकियों को निशाना बनाया गया या कितने फाइटर जेट्स को नुकसान हुआ।
उन्होंने साफ़ कहा:
“उन्होंने हमसे कभी नहीं पूछा कि दुश्मन के कितने विमान मार गिराए”
साथ ही रक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादियों को भारी नुक़सान पहुँचाना था, जिसमें दसों ठिकाने नष्ट किए गए और 100 से अधिक आतंकवादी मार गिराए गए । उन्होंने कहा कि भारत को अन्य विकल्प भी मिल सकते थे, लेकिन हमने सबसे किफायती विकल्प चुना जिससे पाकिस्तानी आम नागरिकों को कोई नुक़सान न पहुँचे।
राजनाथ सिंह ने यह भी दोहराया कि ऑपरेशन को किसी विदेशी दबाव में नहीं रोका गया, बल्कि जब सेना ने अपने लक्ष्य हासिल कर लिए, तभी अभियान स्थगित किया गया। उन्होंने अमेरिका के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन को रोकने का कोई दबाव नहीं था।
विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की थी। वे चाहते थे कि Pahalgam आतंकवादी हमले, Operation Sindoor और चर्चा के बाद आए हुए सीजफायर पर भारत सरकार खुलकर अपनी रणनीति जनता के सामने रखे।
इस बहस में BJP नेताओं ने भी पलटवार किया। उन्हें लगा कि विपक्षी चर्चाएँ देश की रक्षा नीति और सैनिकों की बहादुरी पर सवाल खड़ा कर रही हैं। BJP ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय एकता और अमर्यादित राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से जोड़ा।
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