isro new mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2025 का शानदार स्वागत करने की तैयारी की है।खासकर चंद्रयान-3 की सफलता और गगनयान मिशन के बाद। इसरो 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से स्पैडेक्स मिशन को लॉन्च करेगा, जिसमें पहली बार अंतरिक्ष में दो उपग्रहों की डॉकिंग और अन डॉकिंग की प्रक्रिया शामिल होगी। ये मिशन पीएसएलवी सी60 के तहत संचालित होगा और इसकी सफलता भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में सक्षम चार देशों की श्रेणी में ला देगी।
इसरो का रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी), दो उपग्रहों एसडीएक्स-एक और एसडीएक्स-दो को 476 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित करेगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिसमें चंद्रमा से सामग्री लाने और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना शामिल है।
स्पैडेक्स मिशन का मुख्य उद्देश्य डॉकिंग और अन डॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक का विकास करना है। इसके अलावा, मिशन के दौरान डॉक किए गए उपग्रहों के बीच विद्युत शक्ति का स्थानांतरण भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है।
एसडीएक्स-एक उपग्रह में उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरा है, जबकि एसडीएक्स-दो में विभिन्न पेलोड हैं जो प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी और विकिरण मापने में मदद करेंगे। मिशन के बाद, दोनों उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करते रहेंगे।
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