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Up Kiran, Digital Desk: भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज में एक हैरान करने वाला ट्रेंड सामने आया है जब भी जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम का हिस्सा बने टीम को हार का सामना करना पड़ा और जब वह बाहर रहे, तब जीत दर्ज की गई। लॉर्ड्स में मिली ताज़ा हार के बाद यह बहस और तेज़ हो गई है कि क्या बुमराह की भूमिका इस सीरीज में उतनी निर्णायक साबित हो पा रही है, जितनी उम्मीद थी।
बुमराह: मैच विनर या मिसिंग लिंक
इस दौरे में जसप्रीत बुमराह ने अब तक दो टेस्ट खेले हैं लीड्स और लॉर्ड्स। दुर्भाग्य से दोनों मुकाबले भारत हार गया। इसके उलट बर्मिंघम में जब बुमराह को आराम दिया गया था, टीम इंडिया ने दमदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। दिलचस्प बात यह है कि बर्मिंघम टेस्ट में मोहम्मद सिराज और आकाश दीप की जोड़ी ने कुल 16 विकेट झटककर मैच का रुख भारत के पक्ष में कर दिया था।
इस ट्रेंड पर इंग्लैंड के पूर्व अनुभवी क्रिकेटर डेविड लॉयड ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने टॉकस्पोर्ट क्रिकेट से बातचीत में कहा कि यह बेहद रोचक है कि टीम इंडिया को बुमराह की अनुपस्थिति में ज़्यादा सफलता मिल रही है। लॉयड ने इसे असाधारण आंकड़ा बताते हुए कहा कि जब वह नहीं खेलते, तब टीम अधिक जीतती है और जब वह मैदान पर होते हैं, तब हार का प्रतिशत बढ़ जाता है।
क्या अगला टेस्ट बुमराह के लिए निर्णायक होगा
भारत के चीफ सेलेक्टर और कोच पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि बुमराह इस पांच मैचों की सीरीज में कुल तीन टेस्ट ही खेलेंगे। दो मैचों में उनकी भूमिका देखी जा चुकी है, अब सवाल यह उठता है कि तीसरा और आखिरी मैच वे कौन सा खेलेंगे ओल्ड ट्रैफर्ड या फिर ओवल?
लॉयड की राय में भारत को अगला टेस्ट जो अगले सप्ताह मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाएगा बुमराह के साथ उतरना चाहिए क्योंकि अभी भी सीरीज का परिणाम तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, "अगर भारत ओल्ड ट्रैफर्ड जीत जाता है और स्कोर 2-2 हो जाता है, तो निश्चित रूप से बुमराह को ओवल टेस्ट में भी खिलाया जाएगा। लेकिन यदि इंग्लैंड 3-1 की अजेय बढ़त ले लेता है, तो उन्हें अंतिम मैच में आराम भी दिया जा सकता है।"
बुमराह की प्रतिभा पर कोई शक नहीं, लेकिन आंकड़े चौंकाने वाले
डेविड लॉयड ने यह भी स्वीकार किया कि बुमराह विश्व क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली तेज गेंदबाजों में से एक हैं। उनका बॉलिंग एक्शन अनोखा है और वे तकनीकी रूप से बेहद कुशल खिलाड़ी हैं। इसके बावजूद, हाल के प्रदर्शन और टीम की जीत-हार के साथ उनके लिंक पर सवाल उठने लगे हैं।
हालांकि, लॉयड ने यह भी जोड़ा कि बुमराह एक बेहद “सभ्य और समर्पित खिलाड़ी” हैं और सिर्फ आंकड़ों के आधार पर उनकी भूमिका को पूरी तरह खारिज नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन यह तय है कि मौजूदा आंकड़े चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के लिए सोचने का विषय जरूर बन गए हैं।
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