
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका में चुनाव का माहौल गर्म है और डोनाल्ड ट्रंप की टीम एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार ट्रंप के एक खास सलाहकार ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने सीधे-सीधे भारत को निशाने पर ले लिया है। ट्रंप के पूर्व व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत-रूस के तेल व्यापार को यूक्रेन में चल रही "पुतिन की युद्ध मशीन" से जोड़कर एक नई और विवादित बहस छेड़ दी है।
क्या है पूरा मामला: नवारो डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्तावित फैसले का बचाव कर रहे थे जिसमें उन्होंने चीन से आने वाले सामान पर 60% का भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की बात कही है। जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने चीन को घेरते-घेरते बात भारत तक पहुंचा दी।
नवारो ने एक "नया गणित" समझाते हुए तंज कसा और कहा, "इस गणित को समझिए... भारत रूस से भारी डिस्काउंट पर कच्चा तेल खरीदता है। इस पैसे से पुतिन अपनी युद्ध मशीन को फाइनेंस करते हैं, जिससे वह यूक्रेन पर हमला करते हैं।"
क्या है इस बयान का मतलब?
सीधे शब्दों में, नवारो का आरोप है कि भारत जो सस्ता तेल रूस से खरीद रहा है, वही पैसा अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने इस तर्क का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया कि दुनिया की अर्थव्यवस्था कैसे एक-दूसरे से जुड़ी हुई है और कैसे चीन पर टैरिफ लगाना इन सभी समस्याओं का एक समाधान हो सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब पश्चिमी देशों ने भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले पर सवाल उठाया है। भारत ने हमेशा अपनी ऊर्जा जरूरतों और अपने देश के हितों को प्राथमिकता देते हुए एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई है। लेकिन ट्रंप के सलाहकार का यह बयान दिखाता है कि अगर ट्रंप सत्ता में वापस आते हैं, तो भारत को अमेरिका की तरफ से और ज्यादा दबाव और आक्रामक व्यापारिक नीतियों का सामना करना पड़ सकता है।