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Up Kiran, Digital Desk: कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) वी. लक्ष्मण रेड्डी ने देश के वर्तमान शासकों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट करने के लिए "विभाजनकारी राजनीति" का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने मणिपुर की हालिया घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सरकार की अपने ही नागरिकों की रक्षा करने में विफलता का प्रतीक है।

लक्ष्मण रेड्डी ने चेतावनी दी कि यदि इन "सांप्रदायिक ताकतों" को समय रहते नहीं रोका गया, तो देश को एक बहुत बड़े खतरे का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक शक्तियों से एकजुट होकर इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।

बैठक की अध्यक्षता मुप्पल्ला नागेश्वर राव ने की। इस अवसर पर, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव वी. श्रीनिवास राव ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) के अंधाधुंध निजीकरण पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियां केवल अडानी और अंबानी जैसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं, जबकि आम आदमी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

इस महत्वपूर्ण बैठक में सीपीआई के राज्य सचिव वाई. वेंकटेश्वर राव, डोनेपुडी काशीनाथ, डी. रामा देवी, सीएच बाबू राव, डीवी कृष्णा और अन्य कई प्रमुख विचारकों और नेताओं ने भी अपने विचार रखे और देश की मौजूदा चुनौतियों पर एकजुट प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर बल दिया।

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