
चंडीगढ़/पंचकूला: हरियाणा जेल विभाग के एक विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग को समय पर वापस न लौटाना एक निजी फर्म को भारी पड़ गया है। चंडीगढ़ की एक फर्म पर सरकारी संपत्ति को लेकर लापरवाही बरतने और नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि इसमें मुख्य पात्र कोई आम वस्तु नहीं, बल्कि एक प्रशिक्षित पुलिस डॉग है।
जानकारी के अनुसार, जेल विभाग ने सुरक्षा और खोजी अभियानों के लिए इस्तेमाल होने वाले एक विशेष कुत्ते को ट्रेनिंग के लिए चंडीगढ़ स्थित एक निजी डॉग ट्रेनिंग फर्म को सौंपा था। यह डॉग विभाग के लिए काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह विशेष रूप से अपराधियों का पता लगाने और सुरक्षा संबंधी कामों में उपयोग होता था।
फर्म को तय समयसीमा के भीतर कुत्ते को प्रशिक्षित कर वापस करना था। लेकिन, बार-बार अनुरोध के बावजूद जब डॉग वापस नहीं किया गया, तो जेल प्रशासन ने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवा दी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और फर्म पर सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग और विश्वासघात के आरोपों के तहत केस दर्ज किया।
जेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे प्रशिक्षित डॉग्स की कीमत लाखों में होती है और इन्हें तैयार करने में महीनों लगते हैं। यह न केवल विभाग की कार्यक्षमता से जुड़ा मामला है, बल्कि सुरक्षा से भी सीधा संबंध रखता है।
फिलहाल पुलिस ने फर्म को नोटिस भेजा है और डॉग को तत्काल वापस करने के निर्देश दिए हैं। जांच जारी है और यदि दोष साबित होता है, तो फर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला दर्शाता है कि सरकारी संसाधनों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही को अब गंभीरता से लिया जा रहा है।
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