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Up Kiran Digital Desk: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बहुत तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है। इस बीच खुलासा हुआ है कि भारत से युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान सिर्फ चार दिन ही मैदान पर टिक पाएगा, जिसका एक बड़ा कारण यूक्रेन है।

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने सामरिक भंडार से यूक्रेन को भारी मात्रा में गोला-बारूद बेचा है। इसके कारण पाकिस्तानी सेना के गोला-बारूद में काफी कमी आई है। नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के पास केवल चार दिनों तक युद्ध लड़ने लायक हथियार हैं। इनमें बीएम-21 प्रणाली के लिए 155 मिमी के गोले या 122 मिमी के रॉकेट भी शामिल हैं, जिन्हें यूक्रेन को बेचा गया है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की यह स्थिति यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार बेचने और पाकिस्तान आयुध फैक्टरी (पीओएफ) की कमजोर उत्पादन क्षमता के कारण उत्पन्न हुई है। पाकिस्तान की सैन्य रणनीति मुख्यतः तोपखाने और बख्तरबंद वाहनों पर निर्भर करती है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 2 मई को आयोजित विशेष कोर कमांडरों के सम्मेलन में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया।

आपको बता दें कि पाकिस्तान की सैन्य रणनीति तोपखाने और बख्तरबंद इकाइयों पर काफी हद तक निर्भर करती है। गोला-बारूद की कमी ने भारत जैसे शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपनी रक्षा करने की उसकी क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

पाक के पास आर्थिक ताकत का अभाव

खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए सूत्रों ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने संभावित भारतीय हमले की आशंका में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास गोला-बारूद के डिपो बनाए हैं। पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सेना के समक्ष चुनौतियों को स्वीकार करते हुए एक बार कहा था कि दीर्घकालिक संघर्ष की स्थिति में भारत से निपटने के लिए पाकिस्तान के पास गोला-बारूद और आर्थिक ताकत का अभाव है।

पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था है। वहां महंगाई चरम पर है, जीडीपी की तुलना में कर्ज का पहाड़ है और विदेशी मुद्रा भंडार भी निम्न स्तर पर है। स्थिति यह है कि ईंधन की कमी के कारण पाकिस्तानी सेना को राशन में कटौती करनी पड़ रही है और उसे सैन्य अभ्यास स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ा है।

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