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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में चुनावी माहौल बनना शुरू हो गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली ही हुंकार से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। एक मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठे पीएम मोदी ने पहले तो उनके काम की जमकर तारीफ की, लेकिन फिर उन्होंने एक ऐसा तीर चलाया जो सीधे RJD और कांग्रेस के कलेजे में जाकर लगा।

पीएम मोदी ने बिहार के उस सबसे गहरे दर्द पर उंगली रख दी, जिसे 'पलायन' कहते हैं। उन्होंने साफ-साफ कहा कि बिहार के नौजवानों को अपना घर-परिवार छोड़कर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए किसने मजबूर किया? इसका जिम्मेदार कौन है?

पहले नीतीश की तारीफ, फिर RJD पर करारा वार

पीएम मोदी का अंदाज़ बिल्कुल साफ था। उन्होंने पहले कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA की सरकार ने बिहार को फिर से विकास की पटरी पर लाने का काम किया है। लेकिन फिर उन्होंने भीड़ से वो सवाल पूछा जो आज भी हर बिहारी के मन में उठता है।

उन्होंने कहा, "आज मैं बिहार की धरती से पूछना चाहता हूं, वो कौन सा दौर था, वो किसकी सरकार थी, जब बिहार के लाखों नौजवानों को अपनी पढ़ाई, अपनी कमाई, अपने मां-बाप का बुढ़ापा, सब कुछ छोड़कर दूसरे शहरों की तरफ भागना पड़ा था?"

'जंगल राज' का वो दौर: प्रधानमंत्री का यह सवाल किसी और तरफ नहीं, बल्कि सीधे-सीधे RJD और कांग्रेस के उस शासनकाल की तरफ इशारा था, जिसे आज भी बिहार के लोग 'जंगल राज' के नाम से याद करके सिहर उठते हैं।

उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि एक वक्त था जब बिहार में न तो सड़कें थीं, न बिजली थी और न ही कोई काम-धंधा। कानून-व्यवस्था ऐसी थी कि शाम ढलने के बाद लोग अपने ही घरों में कैद हो जाने को मजबूर थे। उन्होंने कहा कि यह RJD-कांग्रेस की ही देन थी कि बिहार के प्रतिभाशाली युवाओं को अपनी पहचान छुपाकर, दूसरे राज्यों में जाकर छोटे-मोटे काम करने पड़े और बिहार की छवि पर एक गहरा दाग लग गया।

प्रधानमंत्री का संदेश बिल्कुल स्पष्ट था: एक तरफ NDA की सरकार है जो विकास की बात करती है, और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिन्होंने बिहार को दशकों पीछे धकेल दिया था। उन्होंने एक ही भाषण से नीतीश कुमार को मजबूती दी और RJD-कांग्रेस को उनके सबसे कमजोर पन्ने की याद दिलाकर जनता को एक बड़ी चेतावनी भी दे दी।