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Up Kiran, Digital Desk:  पाकिस्तानी पत्रकार और विश्लेषक सैयद मुजम्मल शाह ने अपनी देश की अर्थव्यवस्था और सैन्य स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर भारत द्वारा लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर जैसी स्थिति 10 दिन से ज्यादा चली, तो पाकिस्तान अपने सैन्य अभियान को जारी नहीं रख सकता था। शाह का कहना है कि पाकिस्तान लंबी लड़ाई के लिए तैयार नहीं है और इसकी मुख्य वजह है देश की कमजोर अर्थव्यवस्था।

IMF की मंजूरी के बिना सैन्य बजट नहीं तय कर सकते हम

सैयद मुजम्मल शाह ने अपनी बात को विस्तार से रखते हुए बताया कि पाकिस्तान की सरकार IMF से मिलने वाली मंजूरी के बिना अपनी सेना के बजट को तय करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को ताकतवर बनने के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना जरूरी है। अगर देश की अर्थव्यवस्था कमजोर है, तो सैन्य क्षमता भी प्रभावित होती है।

संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक संस्थाएं अब निष्क्रिय

शाह ने यह भी टिप्पणी की कि आज के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन प्रभावी नहीं रहे हैं। वे न तो युद्ध रोकने की क्षमता रखते हैं और न ही किसी आक्रांता के खिलाफ प्रभावी कदम उठाते हैं। उनका कहना था कि अगर किसी देश के पास पर्याप्त पैसा और मजबूत सेना है, तो वह वैश्विक मामलों में प्रभाव डाल सकता है।

पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते – एक चेतावनी

इसके अलावा, सैयद मुजम्मल शाह ने पाकिस्तान को अमेरिका से अपने रिश्तों को मजबूती से बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अमेरिका से संबंध तो बढ़ाने चाहिए, लेकिन अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता को भी बनाए रखना चाहिए। यदि पाकिस्तान ने अपनी जमीन का इस्तेमाल अमेरिका को दिया, तो चीन जैसे दोस्त को खोने का खतरा होगा। शाह का कहना था कि चीन ने पाकिस्तान को CPEC और BRI जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट दिए हैं और यदि पाकिस्तान ने अमेरिका को अपने यहां फौज तैनात करने की अनुमति दी, तो वह चीन से अपना रिश्ता खो सकता है।

जापान से मिली सीख – आर्थिक शक्ति है सबसे बड़ी ताकत

शाह ने उदाहरण देते हुए कहा कि जापान के पास परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन फिर भी वह एक आर्थिक और सैन्य रूप से मजबूत देश है। इसका मुख्य कारण जापान की मजबूत अर्थव्यवस्था है। शाह ने पाकिस्तान को सलाह दी कि अगर हमें भी अपनी स्थिति मजबूत करनी है, तो हमें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना होगा। इसके बाद ही हम दुनिया के साथ कड़े सौदे कर सकते हैं।

पाकिस्तान की संप्रभुता की असल परीक्षा

शाह ने आगे कहा कि आज के समय में संप्रभुता का पैमाना सिर्फ और सिर्फ आपकी मजबूत अर्थव्यवस्था और सैन्य क्षमता पर निर्भर करता है। अगर पाकिस्तान का सैन्य बल सीमा पर खड़ा हो, लेकिन उसे आवश्यक बजट ही न मिले, तो वह कितना प्रभावी हो सकता है? शाह का कहना है कि पाकिस्तान के पास न तो पर्याप्त वित्तीय संसाधन हैं और न ही युद्ध में सफलता पाने के लिए वो सैन्य समर्थन जुटा सकता है।