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Up kiran,Digital Desk : आज अगर आप सोने-चांदी का भाव देख रहे हैं, तो थोड़ी हैरानी हो सकती है। एक तरफ सोना और महंगा होकर ₹1,30,638 प्रति 10 ग्राम के पार पहुँच गया  वहीं दूसरी तरफ चांदी की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है और इसके दाम गिरकर ₹1,82,600 प्रति किलोग्राम पर आ गए हैं।

अब सवाल यह है कि यह उल्टा खेल क्यों हो रहा ਹੈ? एक चीज़ महंगी और दूसरी सस्ती क्यों? चलिए, इसके पीछे की वजह को बिल्कुल आसान भाषा में समझते 

इसकी असली वजह है अमेरिका में होने वाली एक मीटिंग

इस सारी उथल-पुथल की जड़ अमेरिका में है। वहां का सबसे बड़ा बैंक, फेडरल रिजर्व (जैसे हमारे यहां रिजर्व बैंक), इस साल की अपनी आखिरी मीटिंग करने वाला ਹੈ। इस मीटिंग में ब्याज दरों को लेकर बड़ा फैसला होना है। जब भी कोई इतना बड़ा फैसला आने वाला होता ਹੈ, तो दुनिया भर के बड़े-बड़े निवेशक थोड़ा घबरा जाते हैं।

ऐसे समय में, वे अपना पैसा सुरक्षित जगह लगाना पसंद करते हैं, और सोने से ज्यादा सुरक्षित भला क्या इसी वजह से लोग सोने में जमकर पैसा लगा रहे हैं, जिससे उसकी मांग बढ़ी है और कीमतें आसमान छू रही हैं।

तो फिर चांदी की चमक क्यों कम हुई?

अब आते हैं चांदी पर। चांदी की कहानी थोड़ी अलग ਹੈ। पिछले ही हफ्ते चांदी ने रिकॉर्ड तोड़ तेज़ी दिखाई थी और अपने सबसे ऊंचे स्तर (₹1,85,234 प्रति किलो) पर पहुँच गई थी। बाजार का एक सीधा सा नियम है- जब कोई चीज़ बहुत तेज़ी से ऊपर जाती  तो जिन लोगों ने उसे सस्ते में खरीदा होता है, वे अपना मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना शुरू कर देते 

बस, चांदी के साथ भी यही हो रहा है। लोग अपना मुनाफा वसूल रहे  जिससे बाजार में बिकवाली बढ़ी और कीमतें थोड़ी नीचे आ गई हैं। हालांकि, जानकारों का मानना है कि यह गिरावट ज्यादा दिन नहीं टिकेगी, क्योंकि उद्योगों में चांदी की मांग लगातार बनी हुई है।

अब आगे क्या?

फिलहाल सबकी निगाहें अमेरिका में होने वाली उस मीटिंग पर टिकी बाजार को उम्मीद है कि इस बार ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।

  • अगर फैसला उम्मीद के खिलाफ आता है: तो बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

संक्षेप में कहें तो, अगले कुछ दिन सोने-चांदी के बाजार के लिए काफी अहम हैं। अगर आप खरीदारी या निवेश का मन बना रहे हैं, तो बेहतर होगा कि थोड़ा इंतज़ार करें और बाजार पर नज़र बनाए रखें।