Up Kiran, Digital Desk: हर साल दशहरे के मौके पर नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अगर नीलकंठ आपकी नजरों से गुजर जाए तो सारे बिगड़े काम बन जाते हैं और अच्छे कार्य भी तेजी से पूरे होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पक्षी का हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में कितना खास महत्व है? आइए इस बार नीलकंठ के पीछे छुपे गहरे आध्यात्मिक और पौराणिक रहस्यों पर नजर डालते हैं, जो आमतौर पर कम ही सुने जाते हैं।
दशहरा और नीलकंठ: जीत का संकेत
विजया दशमी का दिन सिर्फ रावण पर श्रीराम की विजय का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि यह दिन नीलकंठ पक्षी से भी जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने से पहले नीलकंठ को देखा था। इसे शुभ संकेत माना गया, जो यह दर्शाता है कि विजय निश्चित है। यहां तक कि युद्ध के बाद भगवान शिव ने नीलकंठ स्वरूप में दर्शन दिए थे, जब श्रीराम ने ब्रह्म हत्या के पाप से बचने के लिए उनकी पूजा की थी। इसलिए दशहरे पर नीलकंठ का दर्शन करना सफलता की ओर पहला कदम माना जाता है।
भगवान शिव और नीलकंठ की कहानी
नीलकंठ नाम कैसे पड़ा? समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत की तलाश में कालकूट विष निकला, तो भगवान शिव ने अपने कंठ में विष रख लिया। इस कारण उनके गले का रंग नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए। यह कथा हमें नीलकंठ की दिव्यता और शक्ति का एहसास कराती है। इसलिए इसे भगवान शिव के एक स्वरूप के रूप में पूजा जाता है और इसे देखकर शुभ फल की उम्मीद की जाती है।
लोकमान्यताएं और नीलकंठ
देश के कई इलाकों में नीलकंठ को भगवान राम का दूत माना जाता है। यहां तक कि कुछ कहावतें हैं जिनमें कहा गया है कि नीलकंठ के दर्शन से घर में राम की कृपा आ जाती है। एक लोकप्रिय कहावत है, "नीलकंठ देख लिया तो घर बैठा गंगा स्नान कर लिया।" यह दर्शाता है कि नीलकंठ का प्रभाव कितना पवित्र माना जाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में दशहरे के दिन लोग नीलकंठ पक्षी की खोज में निकलते हैं और यदि कोई इसे दिखा दे तो उसे दक्षिणा देते हैं।
आधुनिक दौर में नीलकंठ का महत्व
आज के डिजिटल युग में, अगर आप नीलकंठ पक्षी को अपनी आंखों से नहीं देख पाते हैं तो चिंता न करें। इंटरनेट की मदद से आप नीलकंठ की तस्वीरें डाउनलोड करके अपने परिवार और दोस्तों को भेज सकते हैं। दशहरे के दिन मोबाइल पर “शुभ दशहरा” या “हैप्पी दशहरा” के साथ नीलकंठ की फोटो भेजना भी एक बढ़िया तरीका है शुभकामनाएं देने का। इससे आपके रिश्तेदार और मित्र भी खुश हो जाएंगे और यह परंपरा नए तरीके से जिंदा रहेगी।
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