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Up Kiran, Digital Desk: अक्सर हम बिना अलार्म के भी तड़के जाग जाते हैं। ऐसा लगता है जैसे किसी ने नींद से बाहर खींच लिया हो, बिना किसी हलचल या आवाज के। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनका शरीर सुबह 3 से 5 बजे के बीच अचानक जाग जाता है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि आपका शरीर आपको कुछ महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है।

क्या होता है बॉडी क्लॉक का असर?

हमारा शरीर एक सटीक 24 घंटे का चक्र अपनाता है, जिसे सर्कैडियन रिदम कहते हैं। यह शरीर के तापमान और हार्मोन रिलीज जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है। खासकर सुबह के समय, यानी 2 से 5 बजे के बीच, यह चक्र सबसे अधिक संवेदनशील होता है। इस समय कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, जिससे शरीर प्राकृतिक रूप से जगता है। हालांकि, जब तनाव बढ़ जाता है, तो यह शरीर के सामान्य अलार्म से पहले हमें अचानक जाग सकता है।

तनाव और नींद का रिश्ता

तनाव केवल मानसिक स्थिति ही नहीं बिगाड़ता, बल्कि यह हमारी नींद के चक्र को भी प्रभावित करता है। नींद के विभिन्न चरणों से बिना किसी व्यवधान के गुजरने की बजाय, शरीर हाई अलर्ट पर रहता है। इसके परिणामस्वरूप, नींद गहरी होने के बजाय अक्सर बीच में ही टूट जाती है, खासकर REM नींद में। इस दौरान, दिमाग अपनी यादों, भावनाओं और अधूरे विचारों को प्रोसेस करता है। तनावग्रस्त व्यक्ति अक्सर सुबह के समय REM नींद से उठता है और उसे वह पल याद रहता है, क्योंकि दिमाग अधिक सक्रिय होता है।

क्या आपकी नींद का समय कुछ बता रहा है?

अगर आप नियमित रूप से 3 से 5 बजे के बीच जाग जाते हैं, तो यह आपके शरीर की प्राकृतिक घड़ी के बारे में संकेत दे सकता है। हम जिस जैविक घड़ी के तहत काम करते हैं, वह सबका अलग हो सकता है। कुछ लोग सुबह सूरज के साथ जागने के लिए बने होते हैं, जबकि कुछ लोग रात को सक्रिय रहते हैं। वर्तमान समय की 9 से 5 की जीवनशैली अक्सर इस प्राकृतिक चक्र से टकराती है, जिसे "सोशल जेट लैग" कहा जाता है। रात को जागने वाले लोग दिन में जल्दी उठने पर मानसिक असंतुलन महसूस करते हैं, क्योंकि यह उनके क्रोनोटाइप के खिलाफ होता है।

समाधान के तरीके

अच्छी बात यह है कि आप इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं:

नींद का पैटर्न ट्रैक करें – अपनी नींद के समय को नोट करें, इससे आपको बदलाव को समझने में मदद मिलेगी।

स्क्रीन टाइम घटाएं – सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें, ताकि शरीर का सर्कैडियन रिदम प्रभावित न हो।

कैफीन और शराब से बचें – ये दोनों तत्व REM नींद को प्रभावित करते हैं, इसलिए इनसे दूर रहना बेहतर रहेगा।

तनाव को कंट्रोल करें – दिनभर तनाव को कम करने के उपाय अपनाएं जैसे गहरी सांस लेना, हल्की वॉक करना, या डायरी में लिखना।

अपने क्रोनोटाइप को समझें – जितना हो सके, अपनी दिनचर्या को अपनी प्राकृतिक घड़ी के अनुसार समायोजित करें। छोटे बदलाव बड़े परिणाम दे सकते हैं।

अगर आप बार-बार सुबह 3 से 5 बजे के बीच जागते हैं, तो यह सिर्फ नींद से जुड़ी समस्या नहीं है। आपके शरीर का यह संदेश हो सकता है कि तनाव, दिनचर्या या जीवनशैली में कुछ सुधार की जरूरत है। इन संकेतों को नजरअंदाज करने के बजाय, यह समझना कि आपका शरीर क्या चाह रहा है, आपको बेहतर नींद और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगा।