
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एक ऐतिहासिक मजार, जो लंबे समय से स्थानीय चर्चा का विषय रही है, पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि इस मजार का एक दरवाजा भारत की सीमा में जबकि दूसरा नेपाल की ओर खुलता था। इसे सीमा पार आने-जाने में "गुप्त रास्ते" के तौर पर इस्तेमाल किए जाने की आशंका थी।
प्रशासन और सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) की संयुक्त कार्रवाई में मजार के आसपास की अवैध बसावट और संरचनाएं गिरा दी गईं। यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले की सीमा के पास स्थित बताया जा रहा है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इन निर्माणों को बिना किसी वैध अनुमति के खड़ा किया गया था और यह अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, यह मजार वर्षों से सीमा पार गतिविधियों के लिए एक "कवच" के रूप में प्रयोग की जा रही थी, जिससे न केवल लोगों की अवैध आवाजाही संभव होती थी, बल्कि तस्करी जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा था।
कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार के विरोध से निपटने के लिए भारी पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल तैनात किया गया था। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि सुरक्षा और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए की गई है।
वहीं स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे सही कदम मानते हैं, जबकि कुछ इसे धार्मिक स्थल पर कार्रवाई मानकर नाराज़गी जता रहे हैं।
प्रशासन ने कहा है कि आगे भी ऐसे अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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