
अमेरिका की नई टैरिफ नीति के चलते वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है। इसी कारण शुक्रवार, 11 अप्रैल को सोने की कीमतें अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सोना 3 प्रतिशत की तेजी के साथ 3175.07 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जो इस महीने की शुरुआत में दर्ज किए गए पुराने रिकॉर्ड से भी अधिक है। अमेरिका में सोने का वायदा भाव 3177.5 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
इसके विपरीत, हाजिर चांदी में 0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 30.88 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
टैरिफ नीति पर असमंजस से बाजारों में अस्थिरता
बुधवार, 9 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों पर लगाए जाने वाले नए टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की थी। इस कदम के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में मजबूती देखी गई थी। लेकिन गुरुवार को चीन को लेकर अमेरिका की आक्रामक नीति के कारण बाजारों में एक बार फिर बड़ी गिरावट देखी गई।
अमेरिकी बाजारों की स्थिति
Dow Jones: 1014 अंक (2.5%) की गिरावट के साथ बंद
S&P 500: 3.46% की गिरावट
Nasdaq: 4.31% की गिरावट के साथ बंद
एक समय S&P 500 में 6% और Nasdaq में 7% तक की गिरावट दर्ज की गई थी, हालांकि बाजार बंद होते समय यह गिरावट कुछ हद तक कम हो गई।
एशियाई और भारतीय बाजारों पर असर
अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट का असर शुक्रवार को एशियाई बाजारों पर भी दिखा। अधिकांश एशियाई एक्सचेंजों में कारोबार नकारात्मक रहा। भारत में महावीर जयंती की छुट्टी के बाद आज बाजार दोबारा खुलने जा रहे हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में अच्छी शुरुआत हो सकती है।
विशेषज्ञों की राय
UBS ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट में कमोडिटीज और करेंसी के प्रमुख डोमिनिक श्नाइडर का कहना है कि वे सोने की कीमतों को लेकर सकारात्मक हैं। मौजूदा आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए सोना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बना हुआ है।