
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय शेयर बाजार लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर जारी भू-राजनीतिक तनाव और निवेशकों में बढ़ रही चिंता है। बाजार पर युद्ध की आशंकाओं और अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितताओं का गहरा असर देखने को मिल रहा है।
बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
भू-राजनीतिक संघर्ष: दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे संघर्ष (जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में तनाव) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। इससे तेल की कीमतों में अस्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों में घबराहट है।
वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका: बढ़ते ब्याज दरें और महंगाई की चिंताएं वैश्विक मंदी की संभावनाओं को बढ़ा रही हैं, जिससे कंपनियों के मुनाफे और विकास दर पर असर पड़ सकता है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली: अनिश्चित माहौल में विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भारतीय बाजार से पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ रहा है।
उच्च मूल्यांकन: कुछ क्षेत्रों में शेयरों के उच्च मूल्यांकन के कारण निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं।
तकनीकी कारक: लगातार गिरावट से तकनीकी रूप से भी बाजार कमजोर नजर आ रहा है, जिससे और बिकवाली को बढ़ावा मिल रहा है।
निवेशकों की सावधानी
इस माहौल में निवेशक बेहद सावधानी बरत रहे हैं। वे ऐसे क्षेत्रों में निवेश करने से बच रहे हैं जो भू-राजनीतिक तनाव या वैश्विक आर्थिक झटकों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि जब तक भू-राजनीतिक स्थिति स्थिर नहीं हो जाती और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार नहीं होता, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी निवेश रणनीति की समीक्षा करें और लंबी अवधि के नजरिए से सोचें।
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