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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने वर्तमान सरकार को कठपुतली करार देते हुए कहा है कि उनके साथ कोई सार्थक बातचीत संभव नहीं है।  उन्होंने स्पष्ट किया कि वे केवल पाकिस्तान की सेना से ही संवाद करेंगे, क्योंकि उनके अनुसार असली सत्ता सेना के हाथों में है।  यह बयान उन्होंने अपनी जेल में बंदी के दौरान दिया है।  

कठपुतली सरकार पर इमरान की टिप्पणी

इमरान खान ने पाकिस्तान की मौजूदा सरकार को "कठपुतली" बताते हुए कहा कि यह सरकार वास्तविक निर्णय लेने में सक्षम नहीं है।  उन्होंने कहा, "इनसे कोई सार्थक बातचीत करना बेकार है।"  उनका मानना है कि पाकिस्तान की सेना ही देश की असली शासक है, और इसलिए उनसे ही बातचीत की जानी चाहिए।  

सेना से बातचीत की शर्तें

इमरान खान ने सेना से बातचीत के लिए कुछ शर्तें रखी हैं।  उन्होंने कहा कि यदि सेना अपनी ओर से एक प्रतिनिधि नियुक्त करती है, तो वे "सशर्त वार्ता" के लिए तैयार हैं।  उनकी शर्तें हैं कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हों, और उनके समर्थकों के खिलाफ लगाए गए झूठे आरोप वापस लिए जाएं।  

निष्कर्ष

इमरान खान का यह बयान पाकिस्तान की राजनीति में एक नई दिशा को इंगीत करता है।  उनका मानना है कि असली सत्ता सेना के पास है, और इसलिए उनसे ही संवाद किया जाना चाहिए।  हालांकि, सेना ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।  अब देखना यह है कि सेना इस पर क्या कदम उठाती है। 

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