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manipur violence: मणिपुर राज्य हिंसा की लहर में घिरा हुआ है जिसने इसके समाज पर गहरा असर छोड़ा है। जिरीबाम जिले में तीन बच्चों की मां पर हाल ही में हुआ क्रूर हमला इस क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती क्रूरता की दुखद याद दिलाता है। नेताओं के पिछले आश्वासनों के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा गंभीर रूप से खतरे में है।

7 नवंबर को हथियारबंद हमलावरों ने एक घर पर धावा बोला 31 वर्षीय आदिवासी महिला को भयानक यातनाएँ दीं और अंत में उसे जलाकर मार डाला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट एक भयावह खुलासा हुआ है, जिसमें खुलासा हुआ है कि उसका शरीर लगभग पूरी तरह से आग की लपटों में जल गया था, जिससे यौन हमले के सबूत जुटाना असंभव हो गया। गंभीर रूप से जलने और अंग-भंग सहित उसकी चोटों का विवरण इतना दर्दनाक है कि उसे बताना मुश्किल है, जो क्रूरता की गहराई को उजागर करता है जो खतरनाक रूप से आम हो गई है।

कुकी समुदाय ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है, हमले को बर्बर करार दिया है और अपराधियों की पहचान करने में विफल रहने के लिए कानून प्रवर्तन की आलोचना की है। ये घटना कोई अलग-थलग मामला नहीं है, बल्कि पिछले साल मई में जातीय संघर्षों के शुरू होने के बाद से मणिपुर में हिंसा के व्यापक पैटर्न का हिस्सा है, जिसमें 200 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

हिंसा की लपटें लगातार भड़क रही हैं, इसलिए अधिकारियों और समाज के लिए इस संकट का डटकर सामना करना ज़रूरी है। हिंसा के चक्र को तोड़ना होगा और कमज़ोर आबादी के लिए न्याय और सुरक्षा के लिए सामूहिक आह्वान ज़रूरी है।
 

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