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महाराष्ट्र के नालासोपारा में पुलिस ने 22 वर्षीय युवक रोहन तिवारी को दो दोस्तों के साथ मिलकर खुद के फर्जी अपहरण की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। युवक की मंशा थी कि वह परिवार से पैसे वसूल कर प्रिंटिंग का व्यवसाय शुरू कर सके। पुलिस ने रोहन और उसके दो साथियों—कौशल दुबे (21) और निखिल सिंह (22)—को कथित अपहरण के महज दो घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया।

वीडियो बनाकर परिवार से मांगी फिरौती

अचोले पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के अनुसार, रोहन तिवारी के परिवार को मंगलवार रात एक वीडियो भेजा गया, जिसमें रोहन को बंधक बनाया गया था और दो युवक उसे पीटते हुए तीन लाख रुपये की फिरौती की मांग कर रहे थे। वीडियो में खून भी दिखाई दे रहा था, जिससे परिवार दहशत में आ गया।

₹5000 ट्रांसफर के बाद चेंबूर के होटल में मिला सुराग

परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू हुई। मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर पुलिस को पता चला कि रोहन मुंबई के चेंबूर इलाके में है। पुलिस ने वहां की स्थानीय टीम से संपर्क किया। रोहन का फोन बंद हो चुका था, लेकिन पुलिस की सलाह पर परिवार ने अपहरणकर्ताओं को ₹5000 ट्रांसफर किए।

इसके बाद भी रोहन का कोई अता-पता नहीं चला, लेकिन अगले दिन वह और उसके दोस्त नाश्ता करने एक होटल पहुंचे, जहां पहले से सतर्क होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों को हिरासत में ले लिया।

पुलिस जांच में खुला फर्जी अपहरण का राज

पूछताछ में रोहन ने बताया कि यह पूरी योजना उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बनाई थी। उसका परिवार व्यवसाय के लिए पैसे देने को तैयार नहीं था, इसलिए उसने यह तरीका अपनाया। योजना को असली दिखाने के लिए उसके दोस्तों ने मेकअप के जरिए रोहन को घायल जैसा दिखाया और फिर वीडियो रिकॉर्ड किया।