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Up Kiran , Digital Desk: भारत दिन-रात अपनी रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बना रहा है। स्वदेशी तकनीक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से देश एक के बाद एक ऐसी मिसाइलें तैयार कर रहा है, जो केवल भारत की सीमाओं को सुरक्षित ही नहीं करतीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी दुश्मन देशों के लिए चेतावनी बन चुकी हैं। इन्हीं में से एक है 'ब्रह्मोस मिसाइल', जिसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है।

क्या है ब्रह्मोस की ताकत

ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। इसकी गति मैक 3.0 है, यानी यह आवाज की गति से तीन गुना तेज चलती है — लगभग 3704 किमी/घंटा। इसका वजन लगभग 3000 किलोग्राम होता है और यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

मिसाइल की रेंज संस्करण के अनुसार 290 किमी से लेकर 1500 किमी तक हो सकती है। इसे जल, थल और वायु तीनों माध्यमों से लॉन्च किया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह उड़ान के दौरान दिशा बदल सकती है और 3-4 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरकर रडार की पकड़ से बच सकती है।

दिल्ली से इस्लामाबाद तक कितना समय लेगी ब्रह्मोस

साल 2022 में एक घटना में गलती से भारत से फायर हुई ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान के खानेवाल (पंजाब प्रांत) जा गिरी थी। पाकिस्तानी वायुसेना के अनुसार, उसने 124 किमी की दूरी महज 3 मिनट 44 सेकंड में तय की थी।

इस आधार पर यदि हम दिल्ली से इस्लामाबाद (लगभग 801 किमी) की दूरी को मापें, तो ब्रह्मोस इसे महज 12 से 13 मिनट में कवर कर सकती है। यानी दुश्मन को चेतावनी देने और रिएक्शन का मौका भी नहीं मिल पाएगा।

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