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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने आप को भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 के भयंकर तनाव को शांत करने का हीरो बता दिया है। सऊदी अरब में आयोजित एक निवेश सम्मेलन में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मंच साझा करते हुए ट्रंप ने जो बातें कहीं वे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।

350 प्रतिशत टैरिफ की धमकी से रुका युद्ध?

ट्रंप का कहना था कि दोनों परमाणु हथियारों वाले देश युद्ध के मुहाने पर खड़े थे। उन्होंने दावा किया कि मैंने साफ कह दिया था कि अगर तुम लोग लड़ोगे तो दोनों देशों पर 350 प्रतिशत टैरिफ लगा दूंगा। अमेरिका के साथ तुम्हारा सारा व्यापार बंद हो जाएगा। बस दो दिन में दोनों तरफ से फोन आने शुरू हो गए। दोनों देशों के नेता मिन्नतें करने लगे कि ऐसा मत कीजिए।

ट्रंप ने मज़ाकिया लहजे में आगे कहा कि मैंने उनसे पूछा क्या तुम चाहते हो कि लाखों लोग मरें और लॉस एंजिलिस पर परमाणु धूल की बारिश हो? फिर मैंने अपने वित्त मंत्री को तैयार रहने को कहा था कि जैसे ही मैं इशारा करूं टैरिफ लगा दो। अगर लड़ाई रुक जाती है तो हम एक शान Hrist व्यापार सौदा कर लेंगे।

मोदी ने कहा "हमारा काम हो गया"

ट्रंप की सबसे दिलचस्प बात थी मोदी वाला फोन कॉल। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके कहा "हमारा काम हो गया।" ट्रंप ने पूछा क्या मतलब तो मोदी ने कथित तौर पर जवाब दिया कि हम अब युद्ध नहीं लड़ेंगे। ट्रंप ने दावा किया कि इसके बाद उन्होंने मोदी को धन्यवाद दिया और कहा चलो एक अच्छा सौदा कर लेते हैं।

ट्रंप ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी उन्हें फोन किया और वाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स के सामने लाखों लोगों की जान बचाने के लिए शुक्रिया अदा किया।

असल में हुआ क्या था?

मई 2025 में पुलवामा जैसे एक बड़े आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। भारतीय वायुसेना और ड्रोन फोर्स ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से पंजाब तक फैले जैश और लश्कर के कम से कम ग्यारह बड़े ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। पाकistani वायुसेना के सरगोधा, रफीकी, मुशाफ और चकलाला जैसे प्रमुख एयरबेस पर सटीक हमलों से कई F-16 और JF-17 लड़ाकू विमान या तो नष्ट हो गए या रनवे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

ऑपरेशन पूरा होने के बाद भारतीय सेना ने साफ कहा था कि तय लक्ष्य हासिल हो चुके हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ऊपर है और अब आगे बढ़ने की कोई ज़रूरत नहीं। चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद पाकिस्तानी सेना की अपील पर दोनों देशों ने द्विपक्षीय संघर्षविराम कर लिया था।