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Up kiran,Digital Desk : भारत और अमेरिका की रणनीतिक दोस्ती और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत साझेदारी की बातें तो खूब हो रही हैं, लेकिन पर्दे के पीछे व्यापार और वीजा को लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी सरकार की व्यापार और आव्रजन नीतियों को संबंधों के लिए खतरा बताया है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर नए टैरिफ लगाने की सीधी चेतावनी दे डाली है।

"टैरिफ दोनों देशों को चोट पहुंचा रहे हैं" - प्रमिला जयपाल

एक संसदीय समिति की सुनवाई के दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर रहे दो बड़े मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।

1. व्यापार में बाधाएं:

जयपाल ने साफ कहा कि दोनों देशों के बीच लगाए जा रहे आयात शुल्क (टैरिफ) न सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि खुद अमेरिकी कारोबारियों और आम लोगों की जेब पर भी भारी पड़ रहे हैं।

अपनी बात को समझाने के लिए उन्होंने अपने ही राज्य की एक 120 साल पुरानी कंपनी का दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, "यह कंपनी भारत से ऐसे कृषि उत्पाद मंगाती है जो अमेरिका में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन इन टैरिफ की वजह से आज उनका 120 साल पुराना कारोबार खतरे में है। कंपनी के सामने अब उत्पादन कम करने या अपना बिजनेस विदेश ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।"

2. वीजा पर सख्त नीतियां:

जयपाल सिर्फ व्यापार पर ही नहीं रुकीं, उन्होंने ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियों पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने कानूनी तरीके से अमेरिका आने के रास्ते लगभग बंद कर दिए हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच का सीधा संपर्क और रिश्ता टूट रहा है।" उन्होंने कहा कि यह उन पुराने भेदभावपूर्ण कोटा सिस्टम की याद दिलाता है, जिसके चलते पहले भी भारतीयों के लिए अमेरिका आना बहुत मुश्किल हुआ करता था।

उधर, ट्रंप ने दी नई टैरिफ की धमकी: निशाने पर 'भारतीय चावल'

प्रमिला जयपाल की इन चिंताओं के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस आग में घी डालने का काम किया है। उन्होंने भारत पर नए और कड़े टैरिफ लगाने की धमकी दी है।

ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी बाजार में 'सस्ता चावल डंप' कर रहा है, यानी बहुत कम कीमतों पर बेच रहा है, जिससे अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

विडंबना यह है कि ट्रंप ने यह बयान ठीक उस समय दिया जब अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा की जा रही थी और 10-11 दिसंबर को एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल खुद भारत में मौजूद था। उन्होंने साफ कहा कि वह इस मुद्दे को देखेंगे, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि भारत पर जल्द ही नए टैरिफ लगाए जा सकते हैं।

यह कोई नई बात नहीं है। अगस्त 2025 में भी, जब भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने को लेकर तनाव बढ़ा था, तब अमेरिका ने ज्यादातर भारतीय सामानों पर 50% तक का भारी टैरिफ लगा दिया था।

साफ है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और वीजा को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। एक तरफ जहां रणनीतिक साझेदारी की बातें हो रही हैं, वहीं आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों के बीच का यह टकराव आने वाले समय में रिश्तों की असली परीक्षा लेगा।