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Up Kiran, Digital Desk: भारत ने गाजा पट्टी में चल रहे संघर्ष को लेकर एक बार फिर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। भारत ने इजरायल और हमास के बीच तुरंत और पूर्ण युद्धविराम की अपील की है। भारत का मानना है कि 'अस्थायी युद्धविराम' या 'लड़ाई में थोड़े-थोड़े समय का विराम' गाजा में बढ़ते मानवीय संकट को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

भारत ने लगातार गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। लाखों लोग विस्थापन, भोजन की कमी, चिकित्सा सुविधाओं के अभाव और लगातार हिंसा का सामना कर रहे हैं। नागरिकों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। भारत ने बिना किसी रुकावट के मानवीय सहायता की पहुंच सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया है ताकि जरूरतमंद लोगों तक राहत पहुंच सके।

भारत हमेशा से इस बात पर जोर देता रहा है कि इस जटिल संघर्ष का एकमात्र स्थायी समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है। भारत दोहराता रहा है कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। एक स्थायी शांति के लिए सभी पक्षों को बातचीत की मेज पर आना होगा।

भारत का मानना है कि 'द्वि-राज्य समाधान' (Two-State Solution) ही इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के लोगों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दे सकता है। इसमें इजरायल की सुरक्षा चिंताओं का भी ध्यान रखा जाएगा और एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना भी हो सकेगी।

भारत की यह अपील वैश्विक समुदाय को इस बात पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करती है कि गाजा में स्थायी शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सिर्फ रुक-रुक कर की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं होगी। इसके लिए एक व्यापक और स्थायी युद्धविराम की आवश्यकता है, जिसके बाद रचनात्मक बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाया जाए।

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