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भारतीय टीम टेस्ट सीरीज में बराबरी करने के इरादे से मैदान में उतरी थी। मोहम्मद सिराज और बुमराह की जोड़ी ने मेज़बान दक्षिण अफ्रीका को करारा झटका दिया। बीते 32 सालों में भारत ने अफ्रीकी धरती पर कभी कोई सीरीज नहीं जीती है। इस साल भी ऐसा ही देखने को मिला और मेजबान टीम ने अपना दबदबा कायम रखा। मगर, दूसरे टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने अपना बेस्ट प्रदर्शन किया। अफ्रीका कुल 55 रन पर आल आउट हो गई।

दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का निर्णय़ लिया है। इस मैच के लिए भारतीय टीम में दो बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसमें रवींद्र जडेजा और मुकेश कुमार को मौका मिला है, जबकि आर अश्विन और शार्दुल ठाकुर को बाहर कर दिया गया है।

घरेलू मैदान पर तीसरी बार अफ्रीका के प्रमुख 4 बल्लेबाज 15 रन पर पवेलियन लौट गए। 1902 (4-12 बनाम ऑस्ट्रेलिया, केप टाउन) के बाद यह पहली बार है कि अफ़्रीका इतनी ख़राब स्थिति में है। इससे पहले 1889 में इंग्लैंड के विरूद्ध केपटाउन में सिर्फ 4 बल्लेबाज 12 रन पर पवेलियन लौटे थे।

सन् 1932 में ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध मेलबर्न टेस्ट में अफ्रीका के 4 प्रमुख बल्लेबाज 5 या उससे कम रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आज 92 साल बाद ऐसा दृश्य देखने को मिला। 

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