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भारत और श्रीलंका के रिश्ते और मजबूत होने जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच एक बड़ा समझौता होने की तैयारी है, जिससे चीन की चिंता बढ़ सकती है। यह डील रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से काफी अहम मानी जा रही है।

दरअसल, भारत श्रीलंका में एक बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है, जिसमें बंदरगाह, ऊर्जा और कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट कोलंबो और त्रिंकोमाली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होगा। भारत की ये पहल चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को चुनौती देने वाली मानी जा रही है।

चीन ने पहले ही श्रीलंका में हम्बनटोटा पोर्ट को 99 साल की लीज पर ले रखा है, और वहां उसकी मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। भारत इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती पकड़ को लेकर हमेशा से सतर्क रहा है। ऐसे में भारत का यह नया कदम श्रीलंका के साथ उसकी साझेदारी को और गहरा करेगा और चीन के प्रभाव को कम करने में मदद करेगा।

इसके अलावा, यह डील श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उसे चीन के कर्जजाल से बाहर निकालने की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है। श्रीलंका ने हाल ही में अपने विदेशी निवेश के स्रोतों को विविध बनाने की इच्छा जताई थी और भारत इस दिशा में अहम साझेदार बन सकता है।

इस सहयोग में रेलवे, बिजली, टेक्नोलॉजी और व्यापारिक संबंधों को भी शामिल किया जा रहा है। इससे न केवल दोनों देशों को फायदा होगा बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

 

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