
Up Kiran,Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव फिर एक बार सुर्खियों में है। शनिवार की रात राजस्थान के जैसलमेर में भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने जो कर दिखाया वो न केवल तकनीकी रूप से एक बड़ी उपलब्धि है बल्कि यह भारत की रणनीतिक दृढ़ता और तत्परता का भी प्रतीक है।
करीब 450 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अब्दाली मिसाइल जिसे हत्फ़-2 के नाम से भी जाना जाता है पाकिस्तान द्वारा भारत की ओर दागी गई थी। लेकिन भारत की सतर्क वायु रक्षा प्रणाली ने इसे हवा में ही सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
अब्दाली मिसाइल: एक संक्षिप्त परिचय
अब्दाली मिसाइल पाकिस्तान की SPARCO (Space and Upper Atmosphere Research Commission) द्वारा विकसित की गई एक छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे हत्फ़-1 का उन्नत संस्करण माना जाता है और इसमें आधुनिक नेविगेशन सिस्टम लगा है जिससे यह उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य भेद सकती है।
हालांकि पाकिस्तान का दावा है कि यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है विशेषज्ञों का मानना है कि इसका प्राथमिक उद्देश्य पारंपरिक विस्फोटकों के साथ सामरिक ठिकानों पर हमला करना है।
हमले की मंशा: सैन्य शक्ति का प्रदर्शन या उकसावा
9 और 10 मई की रात हुए मिसाइल और ड्रोन हमलों को भारत ने न केवल पूरी तरह विफल किया बल्कि यह भी साबित कर दिया कि देश किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। पाकिस्तान का यह कदम साफ तौर पर एक सैन्य उकसावे के रूप में देखा जा रहा है एक ऐसा प्रयास जो भारत को प्रतिउत्तर में मिसाइल हमले के लिए भड़काने के इरादे से किया गया हो सकता है। पर भारत ने संयम दिखाया। जवाब देने की बजाय उसने अपनी रणनीतिक श्रेष्ठता और परिपक्वता का परिचय दिया।
भारतीय वायु रक्षा प्रणाली की सफलता
इस घटना ने भारत की वायु रक्षा प्रणाली की ताकत को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। भारत के पास अब S-400 आकाश बाराक-8 और घरेलू रूप से विकसित कई अत्याधुनिक सिस्टम हैं जो इस प्रकार की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम हैं।
जैसलमेर की इस घटना में जिस तरह अब्दाली मिसाइल को रोक कर बेअसर किया गया उससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की रक्षा प्रणाली केवल सतर्क नहीं बल्कि अत्यधिक प्रभावशाली भी है।
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