Up Kiran, Digital Desk: भारत सरकार ने रूस के साथ एक और बड़ा रक्षा सौदा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। ऑपरेशन सिंदूर में S-400 मिसाइल सिस्टम की सफलता के बाद अब रक्षा मंत्रालय पांच और S-400 वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इस डील को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही मॉस्को का दौरा करेगा।
दिसंबर में हो सकती है डील, पुतिन की भारत यात्रा अहम
यह बड़ा समझौता दिसंबर की शुरुआत में हो सकती रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले पूरा किया जा सकता है। पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का हिस्सा होगी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की यह पहली भारत यात्रा मानी जा रही है, जिससे इस डील को लेकर रणनीतिक चर्चा और भी अहम हो जाती है।
पुरानी डील से आगे बढ़ेगा सहयोग
पहले से ही भारत ने रूस से 5.43 बिलियन डॉलर की लागत से पांच S-400 प्रणालियाँ खरीदने का सौदा किया था। उस डील के तहत दो इकाइयाँ 2026 तक भारत को मिलनी हैं। अब इस सिस्टम की ताकत को देखते हुए पांच और यूनिट्स की मांग की जा रही है।
तीन S-400 सिस्टम सीधे रूस से खरीदे जाएंगे, जबकि दो भारत में निजी कंपनियों के सहयोग से बनाए जाएंगे। इसके लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी तय किया गया है। डील की कीमत में हर साल तयशुदा वृद्धि की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है।
ऑपरेशन सिंदूर में S-400 की भूमिका बनी डील की वजह
S-400 सिस्टम ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी ताकत दिखाई। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान की तरफ से आए कई हवाई खतरों को सफलतापूर्वक रोक दिया था। मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम करते हुए S-400 ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखा।
7 से 8 मई के बीच चले इस अभियान में S-400 ने कई टारगेट को एक साथ लॉक और ट्रैक किया, जिससे भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली पर दुनिया का भरोसा और भी बढ़ गया।
भारत ने S-500 से किया इनकार
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि भारत रूस से अगली पीढ़ी की S-500 मिसाइल प्रणाली भी खरीद सकता है। लेकिन सूत्रों ने इन खबरों को गलत बताया है। फिलहाल भारत S-400 सिस्टम को ही अपनी रक्षा रणनीति में और मजबूत करना चाहता है।
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