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Up Kiran Digital Desk: सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसका खरीफ सीजन पर बड़ा असर पड़ सकता है। ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान को 20 प्रतिशत से अधिक जल की कमी का सामना करना पड़ सकता है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने कुछ सख्त कदम उठाए हैं। इस हमले में 26 बेगुनाह लोग मारे गए थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) की सलाहकार समिति ने खरीफ सीजन की शुरुआत में पाकिस्तान में 21 प्रतिशत पानी की कमी की भविष्यवाणी की है। चेनाब नदी में पानी का कम होना इसका एक बड़ा कारण है। भारत ने चिनाब नदी पर बने सलाल और बगलिहार बांधों के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे जलस्तर कम हो गया है और पाकिस्तान में पानी का प्रवाह प्रभावित हुआ है।
अब केंद्र सरकार किशनगंगा बांध को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। इस संबंध में आईआरएसए सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मई से सितंबर 2025 तक के खरीफ सीजन की तैयारियों पर चर्चा की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईआरएसए ने कहा, 'सिंधु नदी सलाहकार समिति ने खरीफ सीजन के शुरुआती और बाद के महीनों के लिए पानी की स्थिति की समीक्षा की।' भारत द्वारा जलापूर्ति रोक दिए जाने के बाद चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक कमी आने से खरीफ सीजन की शुरुआत में गंभीर जल संकट की आशंका है।
फिलहाल स्थिति की समीक्षा की जा रही है और यदि चिनाब में पानी का प्रवाह और कम हुआ तो 21 प्रतिशत से अधिक पानी की कमी हो सकती है। समिति ने कहा है कि बगलिहार और सलाल बांधों के गेट बंद होने से स्थिति और खराब हो सकती है।
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