हिंदुस्तानियों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण होने वाला है। चंद्रयान-3 का लैंडर आज शाम 5:45 बजे चंद्रमा की ओर बढ़ना शुरू करेगा और शाम 6:45 बजे इसरो इसकी सॉफ्ट लैंडिंग कराएगा।
अगर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग सफल रही तो रोवर प्रज्ञान बाहर निकलकर चंद्रमा पर चलेगा और वहां के पानी और वातावरण के बारे में जानकारी देगा। चंद्रमा पर पानी या बर्फ के अलावा कई अन्य प्राकृतिक संसाधन भी पाए जा सकते हैं। लेकिन, चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग में कई चुनौतियां हैं। इसरो का दावा है कि सुरक्षित लैंडिंग के लिए उसके पास मजबूत सिस्टम है। चंद्रयान-3 के करीब एक महीने बाद रूस का लूना-25 चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
47 साल बाद चंद्रमा पर गए मिशन ने न सिर्फ रूस, बल्कि विश्व भर के वैज्ञानिकों को चौंका दिया। लूना-25 के लॉन्च के लिए इसरो ने रूस को बधाई भी दी है। भारत का चंद्रयान 3 अगला परीक्षण करने वाला है। हालांकि अब इस दौड़ में भारत ही बचा है, लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कोई भी देश सफल नहीं हो पाया है, इसलिए भारत के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।
चंद्रयान 3 के लिए तीन प्रमुख चुनौतियां हैं। पहली चुनौती है लैंडर की गति को नियंत्रित करना। पिछली बार तेज़ गति के कारण लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इसके अलावा चंद्रयान-3 लैंडर के लिए एक और चुनौती यह है कि लैंडिंग के दौरान लैंडर को सीधा रहना होगा। वहीं, लैंडर के लिए तीसरी चुनौती उसे उसी स्थान पर उतारना है जो इसरो ने चुना है।
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