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Up Kiran, Digital Desk: रविवार की रात दुबई में एशिया कप का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया। इस मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर नौवीं बार एशिया कप की ट्रॉफी अपने नाम की। यह पहली बार था जब इस टूर्नामेंट के इतने लंबे इतिहास में फाइनल में दोनों दिग्गज टीमें आमने-सामने आईं। मैच खत्म होते ही क्रिकेट प्रेमी जश्न में डूब गए, लेकिन ट्रॉफी को लेकर जो विवाद सामने आया उसने सबको चौंका दिया।
ट्रॉफी क्यों नहीं मिली भारतीय टीम को?
भारतीय टीम को उनके ऐतिहासिक जीत के बावजूद ट्रॉफी का सम्मान नहीं मिला। इसका कारण था एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मोहसिन नकवी का व्यवहार। नकवी ने जब ट्रॉफी भारतीय खिलाड़ियों को सौंपने से मना कर दिया, तो उन्होंने ट्रॉफी और मेडल अपने साथ होटल ले जाने का फैसला किया। यह घटना क्रिकेट के नियमों और खेल भावना के खिलाफ मानी जा रही है।
खेल का नियम क्या कहता है?
एशियन क्रिकेट काउंसिल और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल दोनों के नियम स्पष्ट हैं कि फाइनल मैच खत्म होते ही विजेता टीम को आधिकारिक समारोह में ट्रॉफी दी जाती है। कोई भी आयोजक या अधिकारी इसे अपने पास नहीं रख सकता। अगर किसी वजह से मैच पूरा नहीं होता तो ट्रॉफी दोनों टीमों में साझा की जाती है। इस बार भारत ने ट्रॉफी लेने से इनकार नहीं किया था, लेकिन वह उसे मोहसिन नकवी के हाथों से नहीं लेना चाहते थे।
भारतीय टीम ने क्यों किया ट्रॉफी लेने से इंकार?
भारत के खिलाड़ियों ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार इसलिए किया क्योंकि वह पाकिस्तान सरकार में मंत्री हैं और अक्सर भारत-विरोधी बयान देते रहते हैं। भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में आतंकवाद विरोधी भावना दिखाते हुए पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ भी नहीं मिलाया। इस बात को ध्यान में रखते हुए टीम ने ट्रॉफी सिर्फ नकवी से लेने से मना किया, लेकिन किसी और अधिकारी से ट्रॉफी लेने के लिए तैयार थी।
कुर्सी से लेकर ट्रॉफी तक, क्या अब खेल में राजनीति आ गई?
खेल के मैदान पर यह पहली बार हुआ है कि फाइनल जीतने वाली टीम को ट्रॉफी देने का अधिकार रखने वाला व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता दिखा। नकवी के इस कदम ने न केवल खेल के नियमों को चुनौती दी, बल्कि पूरे क्रिकेट प्रेमी वर्ग के लिए एक बड़ी निराशा भी पैदा कर दी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस मामले को आईसीसी में उठाने का फैसला किया है और आगामी बैठक में कड़ी कार्रवाई की मांग करेगा।
बीसीसीआई का कड़ा रुख, ICC से जल्द जवाब की उम्मीद
बीसीसीआई के सचिव देवाजीत सैकिया ने इस घटना को “बचकाना” और “अप्रत्याशित” बताया। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई नवंबर में दुबई में होने वाली आईसीसी बैठक में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगा। बीसीसीआई के लिए यह केवल ट्रॉफी का विवाद नहीं बल्कि खेल की गरिमा और सम्मान का सवाल भी है।