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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय विमानन क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में ज़बरदस्त तरक्की की है और एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह अब दुनिया के शीर्ष तीन सबसे बड़े विमानन बाजारों में से एक बन गया है। यह दर्जा मिलना भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और लोगों की बढ़ती क्रय शक्ति का एक मजबूत संकेत है।

इस क्षेत्र के विस्तार ने न केवल हवाई यात्रा को अधिक सुलभ बनाया है, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं। अनुमान के अनुसार, भारतीय विमानन क्षेत्र ने सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 77 लाख (7.7 मिलियन) लोगों के लिए नौकरियां पैदा की हैं। यह आंकड़ा इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

सरकार की सहायक नीतियों, बेहतर बुनियादी ढांचे (एयरपोर्ट्स का विकास), और बढ़ती कनेक्टिविटी ने इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। किफायती हवाई किराए और बढ़ते मध्यम वर्ग के कारण भी हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।

विमानन क्षेत्र का यह उछाल देश की समग्र आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह पर्यटन, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देता है, जिससे अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

दुनिया के शीर्ष 3 विमानन बाजारों में शामिल होना भारत के लिए एक गौरव का क्षण है और यह दर्शाता है कि देश का यह क्षेत्र भविष्य में और भी बड़ी ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। यह 77 लाख रोजगारों का सृजन लाखों परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी सहायक है।

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