Indian Law: कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल मुख्य आरोपी संजय रॉय सीबीआई की हिरासत में है। हर स्तर से मांग हो रही है कि उसे फांसी दी जाए। कोलकाता कोर्ट ने कबिता सरकार को आरोपी संजय रॉय का वकील नियुक्त किया है।
आरोप है कि संजय ने 9 अगस्त की रात एक ट्रेनी डॉक्टर संग रेप किया और उसकी हत्या कर दी। उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ जिसमें उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। संजय ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्रूरता की कई हदें पार कर दीं। अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला। इसके बाद तो जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
आखिर रेप और हत्या जैसे अपराधों में आरोपी वकील से क्यों मिलता है? आइए जानें। कबिता सरकार पिछले 25 वर्षों से वकील हैं। उनका काम केस लड़ना है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि हर किसी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है, भले ही वो आरोपी हो।
इस वजह से बलात्कारियों का भी नियुक्त किया जाता है वकील
रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय का केस लड़ने के लिए कोई वकील तैयार नहीं था। महाराष्ट्र के बदलापुर केस में भी आरोपी अक्षय शिंदे की पैरवी के लिए एक भी वकील तैयार नहीं था। ऐसे मामलों में अदालत आरोपी के लिए वकील नियुक्त करती है। कोलकाता मामले में कोर्ट ने कबिता सरकार को नियुक्त किया।
भारत के संविधान के अनुसार सभी नागरिकों को निष्पक्ष सुनवाई और न्याय का अधिकार है। संविधान के अनुच्छेद 39ए में इसका उल्लेख है। 39ए के अनुसार संघ में ऐसी व्यवस्था है जिससे सभी को समान अवसर के आधार पर न्याय मिल सके।
सरकार निःशुल्क कानूनी व्यवस्था प्रदान करती है ताकि कोई भी नागरिक वित्तीय स्थिति या किसी अन्य कारण से न्याय पाने के अवसर से वंचित न रहे। सभी नागरिकों को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार मिले, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र और राज्य स्तर पर राज्य सरकारों को कानूनी सेवा प्राधिकरण के रूप में गठित किया गया है।
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