
Up Kiran, Digital Desk: सीमा पर न सिर्फ बंदूकें काम करती हैं, बल्कि ख़ुफ़िया एजेंसी की चालाक चालें भी उतना ही बड़ा नुकसान कर सकती हैं। भारत में ऐसी ही एक बड़ी साज़िश का पर्दाफ़ाश हुआ है। राजस्थान से एक भारतीय व्यक्ति को पाकिस्तान की ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) के लिए जासूसी (Spying) करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह पूरा मामला एक आधुनिक 'हनी ट्रैप' (Honey Trap) का उदाहरण है।
क्या है हनी ट्रैप का पूरा मामला: मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार हुए इस शख्स को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट्स ने एक महिला बनकर फ़ोन पर फँसाया। इस पाकिस्तानी एजेंट ने अपनी पहचान 'इशा शर्मा' के रूप में बताई और फेक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए संपर्क किया।
इशा शर्मा की जाली पहचान के सहारे इस शख्स को प्यार के जाल में फँसाया गया और उससे दोस्ती की गई। एक बार जब इस एजेंट ने जासूस पर विश्वास कायम कर लिया, तो धीरे-धीरे उससे भारत की ख़ुफ़िया जानकारी और सैन्य महत्व से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं मांगनी शुरू कर दी।
पैसों का लालच और मोह—दोनों का इस्तेमाल करके उस जासूस ने ये जानकारी सीमा पार ISI को भेजी। यह पूरी जासूसी की साज़िश सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट (Encrypted Chat) ऐप के ज़रिए रची गई।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई: जैसे ही भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस जासूसी गतिविधि पर शक हुआ, उन्होंने तेजी से ऑपरेशन चलाया। पुख्ता सबूत मिलने के बाद राजस्थान पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।
जांच एजेंसियाँ अब इस बात पर गहराई से काम कर रही हैं कि इस जासूस ने किस तरह की और कितनी खतरनाक जानकारी पाकिस्तान को भेजी है। साथ ही, उसके इस पूरे जासूसी नेटवर्क से जुड़े बाकी लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। यह घटना हर भारतीय को सचेत करती है कि कैसे सीमा पार की एजेंसियां डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके हमारे सैन्य डेटा को हासिल करने की कोशिश करती हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए यह एक बहुत बड़ा अलर्ट है।