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Up Kiran, Digital Desk: गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भरा दिन रहा। घरेलू सूचकांकों ने एक मजबूत शुरुआत की, लेकिन सत्र के अंत तक अपनी शुरुआती बढ़त को काफी हद तक गंवा दिया और मामूली तेजी के साथ बंद हुए। यह स्थिति बाजार में निवेशकों के बीच अनिश्चितता और सतर्कता को दर्शाती है।

सुबह के सत्र में, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही महत्वपूर्ण बढ़त के साथ खुले, जिससे निवेशकों में उत्साह था। यह उछाल वैश्विक संकेतों और कुछ सकारात्मक घरेलू खबरों से प्रेरित था। हालांकि, जैसे-जैसे दिन चढ़ा, मुनाफावसूली और कुछ कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण बाजार ने अपनी बढ़त खोनी शुरू कर दी।

सत्र के अंत में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 100 अंक से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी भी हरे निशान में रहा। यह दर्शाता है कि बाजार अभी भी एक दिशाहीन स्थिति में है, जहां निवेशक बड़ी चाल लेने से पहले और स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा समय में बाजार कई कारकों से प्रभावित हो रहा है, जिनमें वैश्विक आर्थिक स्थितियाँ, मुद्रास्फीति के आंकड़े, केंद्रीय बैंकों की नीतियां और आगामी तिमाही नतीजे शामिल हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे बाजार में अस्थिरता को देखते हुए सावधानी से निवेश करें।

 भारतीय बाजार एकीकरण (कंसोलिडेशन) के दौर से गुजर रहा है, जहां बड़ी छलांग लगाने से पहले कुछ समय तक इसी तरह का उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।

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