भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने यादगार प्रदर्शन करते हुए पॉवरफुल टीम ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट मैच में हरा दिया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया। अक्सर बड़े मंच पर कंगारुओं ने हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारत को बाहर का रास्ता दिखाया है। आईसीसी प्रतियोगिताओं समेत द्विपक्षीय सीरीज में दबदबा बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय टीम को बड़ी चुनौती दी और जीत हासिल की। चौथे दिन महज 74 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान टीम ने यह उपलब्धि हासिल कर ली।
टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए मेहमान ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 77.4 ओवर में सिर्फ 219 रन बनाकर आउट हो गई। मेहमान टीम के जल्दी आउट होने के बाद मेजबान टीम को पहले दिन बैटिंग के पर्याप्त मौके मिले। भारत पहले दिन से ही मजबूत स्थिति में था, टीम इंडिया ने पहले दिन की समाप्ति पर 19 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर 98 रन बना लिए हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 219 रन बनाए जिसके बाद भारतीय टीम ने 406 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। पहली पारी में भारत के लिए शेफाली वर्मा (40), स्मृति मंधाना (74), ऋचा घोष (52), जेमिमा रोड्रिग्ज (73), पूजा वस्त्राकर (47) और दीप्ति शर्मा (78) ने रन बनाए। टीम इंडिया के शानदार खेल के दम पर भारतीय टीम 406 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इसके साथ ही भारत ने 187 रन की मजबूत बढ़त ले ली।
भारत की शानदार जीत
दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ज्यादा रन नहीं बना सके। दूसरी पारी में कंगारुओं के लिए ताहली मैक्ग्रा ने सबसे ज्यादा रन (73) बनाए, जबकि एलिसे पेरी ने (45) रन बनाए। मेहमान टीम दूसरी पारी में सिर्फ 261 रन पर आउट हो गई। भारतीय टीम के पास 187 रनों की बढ़त थी और ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 261 रनों पर आउट हो गई। ऐसे में मेजबान भारतीय टीम को जीत के लिए सिर्फ 74 रनों की जरूरत थी। 74 रनों की चुनौती का पीछा करते हुए भारत ने 18।4 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया और ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया। भारत दूसरे सत्र में ही जीत हासिल करने में कामयाब रहा।
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को ध्वस्त करने में भारत की पूजा वस्त्राकर ने अहम भूमिका निभाई। पूजा ने सर्वाधिक विकेट (4) लिए, जबकि स्नेह राणा (3) और दीप्ति शर्मा (2) सफल रहीं।
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दूसरी पारी में भी निराशाजनक प्रदर्शन किया। भारतीय बल्लेबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद गेंदबाजों ने भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। भारत के लिए स्नेह राणा ने सबसे अधिक (4) विकेट लिए, जबकि राजेश्वरी गायकवाड़ और कप्तान हरमनप्रीत कौर 2-2 विकेट लेने में सफल रहीं। इसके अलावा पूजा वस्त्राकर ने एक विकेट लेकर मैच में पांच विकेट लेने का कमाल किया।
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