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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय महिला हॉकी का भविष्य सुनहरा होने वाला है, और इसकी पहली झलक चीन में देखने को मिलेगी। भारत की 'ए' महिला हॉकी टीम चीन के एक अहम दौरे के लिए पूरी तरह से तैयार है, जहाँ वह 13 से 21 अक्टूबर के बीच डालियान शहर में पाँच मैचों की एक रोमांचक सीरीज़ खेलेगी।

यह सीरीज़ भारत के लिए सिर्फ़ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि भविष्य की चैंपियंस को तैयार करने का एक बड़ा मिशन है।

कौन हैं ये भविष्य की स्टार्स: इस टीम में अनुभव और युवा जोश का एक शानदार मिश्रण देखने को मिलेगा। टीम में कई ऐसी प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को जगह दी गई है, जिन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल से सबको प्रभावित किया है।

कप्तान: टीम की कमान अनुभवी डिफेंडर मनीषा चौहान के हाथों में होगी, जो अपने नेतृत्व और खेल की समझ के लिए जानी जाती हैं।

कोच: टीम को भारतीय महिला टीम के एनालिटिकल कोच डेव स्मोलेनार्स का मार्गदर्शन मिलेगा। उनका अनुभव इन युवा खिलाड़ियों के लिए सोने पर सुहागा जैसा होगा।

क्यों है यह दौरा इतना खास: यह दौरा सिर्फ़ कुछ मैच खेलने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे हॉकी इंडिया की एक बड़ी सोच है।

अंतरराष्ट्रीय अनुभव: इस दौरे का मुख्य मक़सद युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव देना है, ताकि वे बड़े टूर्नामेंट्स के दबाव को झेलना सीख सकें।

भविष्य की तैयारी: यह दौरा भारतीय महिला हॉकी कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा है। यहाँ से निकले बेहतरीन खिलाड़ी भविष्य में सीनियर टीम का हिस्सा बनेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे।

चुनौतियों से सामना: कोच डेव स्मोलेनार्स का मानना है कि खिलाड़ियों के विकास के लिए यह ज़रूरी है कि उन्हें उनके आराम के दायरे से बाहर निकालकर चुनौती दी जाए। चीन में खेलने का अनुभव उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा।

कोच डेव स्मोलेनार्स ने इस दौरे को लेकर कहा, “हमने एक मज़बूत युवा टीम चुनी है, जिसमें बहुत क्षमता है। यह सीरीज़ इन खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और एक नए माहौल में सीखने का एक शानदार मौक़ा देगी। मुझे विश्वास है कि यह टीम इस अवसर का पूरा फ़ायदा उठाएगी।”

साफ़ है कि यह दौरा भारतीय महिला हॉकी के सुनहरे भविष्य की नींव रखने जैसा है। अब देखना यह है कि हमारी ये युवा शेरनियाँ चीन की धरती पर कैसा प्रदर्शन करती हैं।